रायपुर ब्लॉक में डेंगू का खतरा जिले में 529 जगह मिला डेंगू लार्वा
ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू का खतरा कम रहता है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में इसका ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है। हालांकि जिले में अब तक डेंगू का कोई पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है, लेकिन डेंगू लार्वा रोजाना मिल रहा है। पिछली बार की तरह इस बार भी डेंगू के मामले में रायपुर ब्लॉक हॉटस्पॉट बन रहा है। जिले में अब तक 529 जगह डेंगू का लार्वा मिल चुका है, जिसमें 443 जगह डेंगू लार्वा सिर्फ रायपुर ब्लॉक में ही मिला है।
पिछले साल जिले में डेंगू के 1201 मरीज मिले थे, जिसमें 971 मरीज रायपुर ब्लॉक के ही थे। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू का खतरा कम रहता है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में इसका ज्यादा प्रभाव देखने को मिल सकता है। हालांकि जिले में अब तक डेंगू का कोई पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है, लेकिन डेंगू लार्वा रोजाना मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिले का रायपुर ब्लॉक शहरी क्षेत्र में आता है और सबसे अधिक डेंगू का प्रकोप रायपुर ब्लॉक में ही देखने को मिलता है। 443 जगह मिले डेंगू के लार्वा से अगर मच्छर पनपते तो बड़ी आबादी प्रभावित हो सकती थी। पिछली बार भी डेंगू का प्रकोप इतना अधिक था कि जिले में 13 डेंगू मरीजों की मौत भी हो गई थी।
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. सीएस रावत ने बताया कि रायपुर ब्लॉक शहरी क्षेत्र में आता है और जिले के 100 वार्ड शहरी क्षेत्र में बने हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्र में डेंगू का प्रकोप अधिक रहता है। इन सभी वार्डों में आशा कार्यकर्ता रोजाना जाकर डेंगू लार्वा की खोज कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, बृहस्पतिवार को आशा कार्यकर्ताओं के साथ ही वॉलंटियर्स ने भी डेंगू लार्वा की खोज की। इस दौरान 190 जगह डेंगू का लार्वा मिला, जिसमें 75 जगह रायपुर ब्लॉक और 115 जगह डोईवाला एवं ऋषिकेश में शामिल हैं।