केदारनाथ तक पहुंच के लिए वैकल्पिक मार्गों के सर्वेक्षण की कवायद शुरू
केदारनाथ तक पहुंचने के लिए नए वैकल्पिक मार्गों की तलाश में प्रशासनिक स्तर पर कवायद शुरू हो गई है। चौमासी-निवतर-रेका धार-रामबाड़ा और रेकाधार-केदारनाथ पैदल मार्गों पर यात्रा संचालन की संभावनाओं का जायजा लेने के लिए लोनिवि, वन, राजस्व और भू-वैज्ञानिकों की संयुक्त टीम ने सर्वेक्षण के लिए यात्रा शुरू की है।
संयुक्त दल, जिसमें केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के एसडीओ जुगल किशोर नेगी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार और लोनिवि के सहायक अभियंता नरेंद्र कुमार शामिल हैं, ने चौमासी से नेवतर-रेकाधार-रामबाड़ा और रेकाधार-केदारनाथ पैदल मार्ग का सर्वेक्षण शुरू किया। दल रास्ते की भौतिक स्थिति, चौड़ाई, ढलान, चढ़ाई और भूस्खलन संभावनाओं की जांच करेगा, साथ ही यात्रा सुविधाओं के विकास के लिए भौगोलिक हालात का भी आकलन करेगा।
दल ने पहले दिन निवतर से छिप्पी तक 8 किमी हिस्से का सर्वेक्षण किया। यह क्षेत्र सेंचुरी क्षेत्र में आता है, इसलिए मानकों की जांच भी की जाएगी। ग्राम प्रधान मुलायम सिंह तिंदोरी ने बताया कि चौमासी-निवतर-रेका से एक ही मार्ग है, जबकि रेकाधार से एक मार्ग रामबाड़ा और दूसरा केदारनाथ के लिए जाता है, जो सुरक्षित है।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्यराम कोठारी ने वैकल्पिक मार्ग के सर्वेक्षण के लिए दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के बाद केदारनाथ को अन्य वैकल्पिक मार्गों से जोड़ने के लिए चौमासी-केदारनाथ और त्रियुगीनारायण-केदारनाथ पैदल मार्ग का भी सर्वेक्षण किया जाएगा।
सर्वेक्षण दल 16 से 18 किमी के मार्ग पर यात्रा संचालन की संभावनाओं की जांच करेगा और रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा, जिसके आधार पर मार्ग को विकसित करने की योजना बनाई जाएगी।