78वें स्वतंत्रता दिवस पर ‘विकसित भारत’ की थीम
नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के तहत, इस वर्ष 78वें स्वतंत्रता दिवस की थीम ‘विकसित भारत’ रखी गई है। इस अवसर पर भारत सरकार ने लगभग 6000 ‘विशेष अतिथियों’ को दिल्ली आमंत्रित किया है, जिनमें उत्तराखंड के 110 लोग भी शामिल हैं।
स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित लोगों में उत्तराखंड के विभिन्न केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थी और उल्लेखनीय कार्य कर रहे लोग शामिल हैं। इनमें प्रधानमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, अटल इनोवेशन मिशन, लखपति दीदी योजना जैसी योजनाओं के लाभार्थी भी हैं।
बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लॉक की निवासी धना देवी को इस समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। धना देवी ने बताया कि वह स्वयं सहायता समूह चला रही हैं जिसमें 500 महिलाओं को रोजगार मिला है और इसके लिए उन्होंने सरकारी योजनाओं को महत्वपूर्ण बताया।
पौड़ी गढ़वाल के दुगड्डा निवासी नरेंद्र सिंह भी प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी के तौर पर आमंत्रित किए गए हैं और उन्होंने इस अवसर पर खुशी जताई है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जेंडर स्पेशलिस्ट सुप्रिया चंद और उनकी टीम की 10 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को भी दिल्ली आमंत्रित किया गया है। आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की भूमिका उत्तराखंड में लिंगानुपात बढ़ाने में महत्वपूर्ण रही है।
उत्तरकाशी के नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम पूजा राणा भी इस अवसर पर भारत सरकार का आभार व्यक्त कर रही हैं।
सीमा सड़क संगठन के कामगार पुष्कर सिंह और यशवंत सिंह ने भी दिल्ली आमंत्रण पर खुशी जताई है और स्वतंत्रता दिवस समारोह देखने के लिए उत्साहित हैं।
अटल इनोवेशन मिशन के तहत इस बार स्कूली बच्चों को भी आमंत्रित किया गया है। खटिमा की शिक्षिका संगीता बत्रा और उनकी छात्राएं दिल्ली रवाना हो गई हैं।
ऊधमसिंह नगर की लखपति दीदी योजना की लाभार्थी पवित्रा राणा ने अपनी सफलता साझा की है और भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है।
पिथौरागढ़ के दूरस्थ गांव ननकुड़ी की ग्राम प्रधान ममता और उनके पति लक्ष्मण सिंह को भी आमंत्रित किया गया है।
देहरादून की कालसी निवासी प्यारो देवी और प्रभा देवी ने भी दिल्ली आमंत्रण के लिए सरकार का आभार जताया है, वे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और वनधन केंद्र से जुड़ी हुई हैं।
इन सभी व्यक्तियों को उनके उल्लेखनीय योगदान और सरकारी योजनाओं से प्राप्त लाभ के आधार पर सम्मानित किया जा रहा है।