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अटारी सीमा पर स्वतंत्रता दिवस पर बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गुरुवार शाम अटारी सीमा पर आयोजित बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी ने एक अनोखा उत्सव का रूप ले लिया। समारोह के पहले भाग में पंजाब की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान पंजाबी गीतों और लोक नृत्यों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बाद, बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी शुरू हुई, जिसमें बीएसएफ जवानों ने अपनी अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में जुटे सैलानियों ने ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों से माहौल को गरमा दिया। इस जोशपूर्ण माहौल में बीएसएफ जवानों का उत्साह भी चरम पर था।

समारोह से पहले, बीएसएफ अमृतसर सेक्टर के डीआईजी एसएस चंदेल ने अटारी-वाघा सीमा पर 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराया। उन्होंने इस अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सीमा की सुरक्षा पूरी लगन और निष्ठा से की जा रही है। उनका कहना था कि भारतीय जवान हर दिन अपनी मेहनत और समर्पण से देश की प्रगति में योगदान दे रहे हैं, और हमारी सीमा सुरक्षा के प्रयासों से राष्ट्र को आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे।

डीआईजी चंदेल ने ड्रोन से संबंधित सुरक्षा चुनौतियों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने बताया कि जवानों को मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनाने के लिए नियमित प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपट सकें। उनके अनुसार, ड्रोन खतरे से निपटने के लिए विशेष रणनीतियाँ और उपाय अपनाए जा रहे हैं।

स्वतंत्रता दिवस के इस खास मौके पर बीएसएफ जवानों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई। यह क्षण न केवल देशभक्ति की भावना को प्रकट करता है, बल्कि बीएसएफ के जवानों के बीच भाईचारे और एकता की भी झलक प्रस्तुत करता है।

इस प्रकार, अटारी सीमा पर स्वतंत्रता दिवस की बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी ने न केवल देशभक्ति की भावना को बढ़ावा दिया, बल्कि सांस्कृतिक विविधता और सुरक्षा बलों की प्रतिबद्धता को भी उजागर किया।

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