Uttarakhand

क्रूज बोट संचालन आवेदन पर सतपाल महाराज ने दिया जबाब

टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण द्वारा टिहरी बांध जलाशय में क्रूज बोट संचालन हेतु आवेदन मांगे गए थे, जिसमें 25 लोगों द्वारा आवेदन किया गया और जांच के उपरांत 6 लोगों ने इसमें क्वालीफाई किया। अब जिसको लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। सतपाल महाराज पर आरोप लगाया जा रहा है उन्होंने अपने बेटे को आवेदन प्रक्रिया में छूट दी है. लेकिन अब सतपाल महाराज ने मिडिया के सामने आकर स्थिति को स्पष्ट किया है

पारदर्शिता के बावजूद अनावश्यक विवाद पैदा करने की कोशिश की गई

सतपाल महाराज ने कहा मेरा पुत्र सुयश रावत भी शामिल है । प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता अपनाई गई लेकिन इसके बावजूद भी अनावश्यक विवाद पैदा करने की कोशिश की गई। यदि किसी को मेरे पुत्र के आवेदन करने पर आपत्ति है तो मैं उनसे अपना आवेदन वापस लेने का आग्रह करूंगा।

उक्त बात प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने प्रेस को जारी अपने एक बयान में कही है। उन्होंने कहा कि टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण द्वारा टिहरी बांध जलाशय में क्रूज बोट संचालन हेतु खुले रूप से आवेदन मांगे गए थे। जिसमें कि पूरी पारदर्शिता अपनाई गई। क्रूज बोर्ड संचालन हेतु कुल 25 लोगों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किए गए थे जिनमें से 6 लोगों ने क्वालीफाई किया। इनमें मेरा पुत्र सुयश रावत भी शामिल है। विवाद खड़ा करने वालों को यह पता होना चाहिए कि अभी यह केवल आवेदन ही था। किसी को भी क्रूज बोट संचालन की कोई स्वीकृति नहीं मिली थी। कुछ राजनीतिक लोगों ने इसे टेन्डर बताकर भ्रम फैलाने का तथाकथित प्रयास किया है। जबकि इस प्रक्रिया में सरकार की ओर से किसी प्रकार का कोई पैसा नहीं लगना था इसमें हमने ही निवेश करना था।

महाराज ने कहा कि उनका बेटा चाहता था कि वह उत्तराखंड में निवेश करे और यहां के लोगों को रोजगार दे। लेकिन इसे लेकर कुछ लोगों द्वारा अनर्गल विवाद पैदा किया गया। मेरा राजनीतिक जीवन हमेशा से बेदाग रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हमारे प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने हमें सिखाया है कि हमें कमल की तरह रहना चाहिए, राजनीति में स्वच्छता एवं सुचिता होनी चाहिए। इसलिए इन तमाम बातों को देखते हुए मैं अपने पुत्र से आग्रह करुंगा कि वह अपना आवेदन वापस ले लें ताकि किसी को भी अनावश्यक विवाद पैदा करने का मौका न मिले।

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