Uttarakhand

केदारनाथ धाम सोना प्रकरण भाजपा ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप

भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया “केदारनाथ धाम को लेकर झूठे आरोप”

केदारनाथ धाम के सोना दान प्रकरण को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक विवाद गरमा गया है। भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह केदारनाथ धाम के संबंध में झूठे आरोप लगाकर दानदाताओं का मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रही है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इस मामले में कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और कहा कि कांग्रेस के झूठे आरोपों की वजह से दानदाताओं की प्रतिष्ठा और धाम की छवि को नुकसान पहुँच रहा है।

महेंद्र भट्ट का बयान “राजनीतिक लाभ के लिए लगाए जा रहे झूठे आरोप”

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने बिना तथ्यों के केवल राजनीतिक लाभ के लिए दानदाताओं पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है। भट्ट ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस ने सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए बिना किसी ठोस सबूत के दानदाताओं पर आरोप लगाए हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की ओर से 23 किलो सोने और 230,000 ग्राम सोने में अंतर को लेकर घोटाले का आरोप लगाया जा रहा है, जो पूरी तरह बेबुनियाद है। भट्ट ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेताओं में केदारनाथ चुनाव को लेकर झूठ बोलने की प्रतिस्पर्धा चल रही है।

कांग्रेस पर पलटवार: “सनातन विरोधी पार्टी का भ्रामक प्रचार”

भट्ट ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि यह पार्टी सनातन विरोधी है और केदारनाथ धाम के प्रति नफरत फैलाने के उद्देश्य से भ्रामक प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा कि आज हर व्यक्ति जानता है कि बाबा केदार के धाम में स्वर्णमंडन को लेकर कोई गड़बड़ी नहीं हुई है और न ही कोई सनातनी ऐसा करने की हिम्मत कर सकता है। भट्ट ने यह भी कहा कि पर्यटन मंत्री और मंदिर समिति ने पहले ही इस पूरे प्रकरण की सभी जानकारियां सार्वजनिक कर दी हैं। प्रस्तुत बिल बाउचर और तथ्यात्मक जानकारी से स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस के आरोप पूरी तरह निराधार हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेताओं ने अब दानदाताओं पर गड़बड़ी का आरोप लगाना शुरू कर दिया है, जो पूरी तरह झूठा और बेबुनियाद है।

दानदाता की प्रतिष्ठा पर हमला “कांग्रेस की साजिश”

भट्ट ने सीधे आरोप लगाया कि कांग्रेस गड़बड़ी के आरोप को स्थापित करने में विफल रहने के बाद निचले स्तर की राजनीति पर उतर आई है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस अब दानदाताओं के मनोबल को तोड़ने की साजिश में जुट गई है।” भट्ट ने कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती कि कोई भी श्रद्धालु श्री बद्री केदार समेत अन्य धामों के दर्शन के लिए आए और वहां के धर्मार्थ कार्यों में सहयोग करे। कांग्रेस नेता लगातार यात्रा व्यवस्था को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं और घोटाले की बातें कर रहे हैं, जिससे जनता की धामों की यात्रा और धर्मार्थ कार्यों में रुचि कम हो रही है।

मुख्यमंत्री धामी का समर्थन: “जनता का विश्वास भाजपा पर”

भट्ट ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर जनता का पूरा विश्वास है, यही वजह है कि लोग कांग्रेस को नकार रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आरोप झूठे हैं और दानदाताओं पर आरोप लगाकर कांग्रेस ने सनातन विरोध की सभी सीमाओं को पार कर दिया है। भट्ट ने कहा कि जनता के बीच इस मुद्दे को लेकर गहरी नाराजगी है और कांग्रेस की यह हरकतें लंबे समय तक याद रखी जाएंगी।

गणेश गोदियाल का संदर्भ “अतीत के कर्मों की याद दिलाना”

भट्ट ने गणेश गोदियाल, जो कि पूर्व में मंदिर समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं, को उनके अतीत की याद दिलाते हुए कहा कि राज्य ने उस दौर को देखा जब उन्होंने मंदिर समिति की अमानत को खैरात की तरह बांटा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गोदियाल ने आपदा के दौरान केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में जूते पहनकर आपदा पर्यटन किया, जिसे देश ने टीवी पर देखा। भट्ट ने कहा, “अफसोस की बात है कि गोदियाल अब 23 किलो और 23,000 ग्राम में अंतर बताकर केदार बाबा की छवि और भक्तों के विश्वास के साथ छल कर रहे हैं।”

निष्कर्ष “झूठ बोलने की प्रतिस्पर्धा”

भट्ट ने अंत में कहा कि केदारनाथ उपचुनाव को लेकर कांग्रेस के नेताओं में झूठ बोलने की प्रतिस्पर्धा चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भोटीया समाज और श्रद्धालु कांग्रेस की इस हरकत को देख रहे हैं और इसे कभी माफ नहीं करेंगे। इस पूरे विवाद ने राजनीति में गहराई से छानबीन करने की आवश्यकता को उजागर किया है और यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला किस दिशा में जाता है।

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