Uttarakhand

हरक सिंह रावत पहुंचे ईडी दफ्तर पाखरो रेंज घोटाले की पूछताछ

उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर पहुंचे। उन्हें पाखरो रेंज घोटाले के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इस मामले की जांच के दौरान हरक सिंह रावत को कई बार समन जारी किया गया है, और यह मामला राज्य की राजनीति में काफी सुर्खियों में रहा है।

पाखरो रेंज घोटाले का विवरण

पाखरो रेंज घोटाले का मामला 2022 में सामने आया था, जब उत्तराखंड की विजिलेंस ने हल्द्वानी सेक्टर में एक मुकदमा दर्ज किया। इस घोटाले में तत्कालीन कुछ अधिकारियों को आरोपित किया गया, जिनमें पूर्व डीएफओ किशनचंद भी शामिल थे। मामले में आरोप था कि पाखरो रेंज में भूमि के दुरुपयोग और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया गया था।

विजिलेंस की जांच के दौरान पाया गया कि सरकारी संपत्तियों का गलत इस्तेमाल किया गया और कुछ अधिकारी इस घोटाले में संलिप्त थे। इन अधिकारियों के खिलाफ कारवाई की गई, और कुछ को गिरफ्तार भी किया गया।

विजिलेंस की छापेमारी और सीबीआई की जांच

विजिलेंस ने पिछले साल अगस्त में हरक सिंह रावत और उनके परिचितों के संस्थानों पर छापे मारे थे। छापेमारी के दौरान एक पेट्रोल पंप पर सरकारी जनरेटर बरामद हुआ था। हालांकि, जांच आगे बढ़ने से पहले ही इस मामले को हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई ने विजिलेंस से सभी दस्तावेज प्राप्त किए और जांच को आगे बढ़ाया।

सीबीआई की जांच के दौरान भी ईडी ने इस मामले का संज्ञान लिया। फरवरी 2024 में, ईडी ने हरक सिंह रावत के घर और उनके करीबी अधिकारियों के घरों पर छापे मारे। इन छापों के दौरान, हरक सिंह रावत के घर से कोई खास सामग्री बरामद नहीं की गई, लेकिन एक अधिकारी के घर से कैश और अन्य सामान प्राप्त हुए थे।

हरक सिंह रावत की पूछताछ

ईडी ने हरक सिंह रावत को फिर से पूछताछ के लिए नोटिस भेजा। सोमवार को रावत ईडी दफ्तर पहुंचे और उनसे पाखरो रेंज घोटाले के संबंध में पूछताछ की गई। यह पूछताछ इस बात को स्पष्ट करने के लिए की जा रही है कि हरक सिंह रावत की इस घोटाले में कितनी भूमिका थी और क्या उनकी ओर से किसी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधि की गई थी।

रावत की पेशी के दौरान, उनकी कानूनी टीम ने यह तर्क दिया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप असत्य हैं और इस मामले में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है। उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीतिक कारणों से हैं और उन्हें न्यायिक प्रणाली पर पूरा विश्वास है।

राजनीतिक और सार्वजनिक प्रतिक्रिया

हरक सिंह रावत की ईडी के दफ्तर में पेशी के बाद राजनीतिक और सार्वजनिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर सरकार पर आरोप लगाए हैं कि वे राजनीतिक प्रतिशोध के तहत काम कर रहे हैं। वहीं, सत्तारूढ़ पार्टी ने इस बात को स्पष्ट किया है कि जांच प्रक्रिया पूरी तरह से कानूनी ढंग से की जा रही है और किसी भी प्रकार की राजनीति इसमें शामिल नहीं है।

आगामी कदम और संभावनाएँ

अब यह देखना होगा कि ईडी की जांच में क्या नए खुलासे होते हैं और इस मामले की जांच के बाद कौन-कौन से आरोप स्पष्ट होते हैं। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण होगा कि इस घोटाले से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी जांच की जाती है और दोषियों को कानून के अनुसार सजा दी जाती है।

निष्कर्ष

हरक सिंह रावत की ईडी के दफ्तर में पेशी पाखरो रेंज घोटाले की जांच के एक महत्वपूर्ण चरण को दर्शाती है। इस मामले में अब तक की गई जांच और उसके परिणाम राज्य की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं। यह मामला यह भी दर्शाता है कि कैसे भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान हरक सिंह रावत के खिलाफ क्या निर्णय लिया जाता है, यह प्रदेश की राजनीतिक और प्रशासनिक स्थिति पर असर डाल सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button