पंजाब पुलिस के एएसआई बोहड़ सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप
एएसआई बोहड़ सिंह का मामला पंजाब विधानसभा में
पंजाब पुलिस के एएसआई बोहड़ सिंह ने हाल ही में सुर्खियाँ बटोरीं हैं, जब उन पर भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोप लगे। इस मामले ने न केवल पंजाब पुलिस को प्रभावित किया है, बल्कि पंजाब विधानसभा में भी गंभीर चर्चा का विषय बना है।
विधानसभा में मामला उठाने के बाद कार्रवाई
पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने एक दिन पहले इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया। स्पीकर ने डीजीपी पंजाब को मामले की रिपोर्ट पेश करने के लिए तलब किया। इसके बाद, इस मामले ने और तूल पकड़ा जब एएसआई बोहड़ सिंह की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को फरीदकोट जिला अदालत द्वारा खारिज कर दी गई।
अग्रिम जमानत याचिका खारिज
एएसआई बोहड़ सिंह ने खुद पर लगे आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताते हुए जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। अदालत में सुनवाई के दौरान, अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार वधवा ने पुलिस की दलीलों को ध्यान में रखते हुए बोहड़ सिंह की याचिका को रद्द करने का आदेश दिया।
भ्रष्टाचार के आरोप
20 अगस्त को थाना सिटी कोटकपूरा पुलिस ने एएसआई बोहड़ सिंह के खिलाफ रिश्वत की मांग और वसूली के आरोप में एक आपराधिक केस दर्ज किया था। एएसआई पर आरोप है कि उन्होंने एक आपराधिक केस को रद्द करने की प्रक्रिया पूरी करवाने के नाम पर डेढ़ लाख की रिश्वत मांगी और एक लाख की रिश्वत वसूली। इस केस के बाद, एएसआई को निलंबित कर दिया गया और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
सत्ताधारी नेताओं द्वारा बचाव की कोशिशें
केस दर्ज होने के तुरंत बाद, एएसआई बोहड़ सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए थी। लेकिन सूत्रों के अनुसार, सत्ताधारी पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा उसे बचाने के प्रयास किए जा रहे थे। हालांकि, ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद स्थिति बदल गई और इसने मामले की गंभीरता को और बढ़ा दिया।
वायरल ऑडियो क्लिप
मामले की एक और महत्वपूर्ण कड़ी एक ऑडियो क्लिप है जो इस साल जून में रिकॉर्ड की गई थी। इस क्लिप में, एएसआई बोहड़ सिंह के साथ कथित रूप से विधानसभा स्पीकर के छोटे भाई के बीच विवाद हो रहा है। ऑडियो क्लिप के वायरल होने के बाद, बोहड़ सिंह ने थाना सदर में डीडीआर दर्ज करवाई।
एएसआई बोहड़ सिंह की प्रतिक्रिया
एएसआई बोहड़ सिंह ने अपनी जमानत याचिका में दावा किया कि ऑडियो क्लिप के वायरल होने के बाद उसे रंजिश के चलते झूठे आरोपों में फंसाया गया है। उनका कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते उनके खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस और विभागीय कार्रवाई
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने एएसआई बोहड़ सिंह को निलंबित कर दिया है और उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने भ्रष्टाचार की कोई भी शिकायत को गंभीरता से लिया है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संभावित प्रभाव
इस मामले का असर न केवल पुलिस विभाग पर बल्कि पंजाब की राजनीति पर भी पड़ सकता है। यदि एएसआई बोहड़ सिंह के खिलाफ आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण उदाहरण हो सकता है। इसके साथ ही, राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी रह सकता है।
निष्कर्ष
एएसआई बोहड़ सिंह का मामला भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोपों के बीच एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। अदालत की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद, मामले की सुनवाई और पुलिस की कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। राजनीतिक और कानूनी पहलुओं के बीच चल रही यह जाँच निश्चित रूप से आने वाले दिनों में और अधिक जटिल हो सकती है।