सीबीआई ने देहरादून के असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को रिश्वत लेते हुए किया गिरफ्तार
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 10 सितंबर 2024 को एक प्रमुख कार्रवाई के तहत एलआईसी, मंडल कार्यालय, हरिद्वार रोड, देहरादून के असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी तब हुई जब आरोपी ने शिकायतकर्ता से तय की गई 40,000 रुपये रिश्वत की पहली किश्त के रूप में 15,000 रुपये स्वीकार किए।
शिकायत और जांच का विवरण
सीबीआई को एक शिकायत प्राप्त हुई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने शिकायतकर्ता से उसके पेंडिंग बिलों के भुगतान और पहले से भुगतान किए गए बिलों के कमीशन के रूप में 57,000 रुपये रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता की बार-बार की गई अनुरोधों के बाद रिश्वत की राशि 40,000 रुपये तय की गई थी।
सीबीआई ने इस शिकायत के आधार पर तुरंत कार्रवाई की और एलआईसी, मंडल कार्यालय, हरिद्वार रोड, देहरादून के आसपास जाल बिछा दिया। इस दौरान आरोपी को रंगे हाथों पकड़ा गया जब वह शिकायतकर्ता से रिश्वत की राशि 15,000 रुपये स्वीकार कर रहा था।
गिरफ्तारी और तलाशी
गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने आरोपी के आवासीय परिसर की तलाशी ली। तलाशी के दौरान किसी अन्य अवैध सामग्री या दस्तावेज की खोज की गई, हालांकि इस पर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।
न्यायिक प्रक्रिया और आगामी कदम
गिरफ्तार किए गए आरोपी को आज (11 सितंबर 2024) को सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश की अदालत, देहरादून में पेश किया जाएगा। इस मामले में आगे की जांच जारी है और सीबीआई द्वारा आरोपी के अन्य संभावित सहयोगियों और अवैध गतिविधियों की भी जांच की जा रही है।
यह मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई की निरंतर कोशिशों की एक और मिसाल है। इस तरह की कार्रवाई सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सीबीआई का मानना है कि इस तरह की कार्रवाइयों से भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता बढ़ेगी और सरकारी कामकाज में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।