Punjab

PUNJAB : खाना खा रहे मनरेगा के मजदूरों को कैंटर ने कुचला, चार की मौत

सुनाम के गांव बिश्नपुरा में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें चार मनरेगा मजदूरों की कैंटर की चपेट में आने से मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब चारों मजदूरों ने दोपहर के भोजन के लिए सड़क के किनारे विश्राम किया था। घटना ने गांव में गहरा दुख और हड़कंप मचा दिया, और मौके पर पहुंचकर लोग चौंकाने वाले दृश्य को देखकर दंग रह गए।

हादसे का विवरण

18 सितंबर को दोपहर के समय, गांव बिश्नपुरा में मनरेगा के तहत काम कर रहे चार मजदूर सड़क के किनारे बैठकर भोजन कर रहे थे। मजदूरों में जरनैल सिंह, हरपाल सिंह, छोटा सिंह और गुरदेव कौर शामिल थे। ये सभी पटियाला रोड पर काम कर रहे थे और दोपहर के समय विश्राम करते हुए खाना खा रहे थे। इसी दौरान, पटियाला की दिशा से आ रहे एक कैंटर ने अचानक नियंत्रण खो दिया और सड़क पर बैठ रहे चारों मजदूरों को कुचल दिया।

कैंटर की टक्कर इतनी जोरदार थी कि चारों मजदूर मौके पर ही मृत हो गए। घटनास्थल पर चार शवों को देखकर वहां मौजूद लोगों ने चीख-पुकार मचा दी। सड़क पर बिखरी हुई मानवता की इस त्रासदी ने हर किसी को हिला कर रख दिया।

मृतकों की पहचान और स्थिति

हादसे में मारे गए चारों मजदूरों की पहचान कर ली गई है। मृतकों में जरनैल सिंह, हरपाल सिंह, छोटा सिंह और गुरदेव कौर शामिल हैं। यह सभी मजदूर गांव बिश्नपुरा में मनरेगा के तहत काम कर रहे थे और खेतों में श्रमिक के तौर पर कार्यरत थे। उनकी मौत ने उनके परिवारों को गहरा सदमा दिया है और पूरे गांव में शोक का माहौल बना हुआ है।

गांव के निवासी पप्पन सिंह ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही गांववालों की भीड़ घटनास्थल पर जमा हो गई। शवों को देखकर ग्रामीणों में गुस्सा और दुख का आलम था। कुछ लोग इस हादसे के लिए चालक और वाहन के मालिक को जिम्मेदार ठहरा रहे थे, जबकि अन्य लोग सड़क पर सुरक्षा के उपायों की कमी को लेकर नाराजगी व्यक्त कर रहे थे।

हादसे के बाद की स्थिति

इस हादसे के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पुलिस ने कैंटर चालक की तलाश शुरू कर दी है, जो मौके से फरार हो गया था।

स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात की है। इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा और ट्रांसपोर्ट नियमों की जांच की जाएगी।

घटनास्थल पर स्थानीय प्रतिक्रिया

हादसे के बाद गांव बिश्नपुरा में गहरा शोक और नाराजगी फैल गई है। स्थानीय निवासियों ने इस घटना को लेकर प्रदर्शन किया और प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क पर सुरक्षा उपायों की कमी के कारण यह हादसा हुआ और उन्होंने सरकार से सड़क सुरक्षा और मनरेगा मजदूरों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

सुनाम के बिश्नपुरा गांव में इस हादसे के बाद प्रशासन और स्थानीय नेताओं को सड़क सुरक्षा और श्रमिकों की सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। मनरेगा मजदूरों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रोटोकॉल और सुरक्षा नियमों को लागू किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

स्थानीय लोगों और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे इस घटना से सबक लें और सड़क पर काम कर रहे मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इसके अलावा, मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा और सहायता प्रदान करना भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जो इस कठिन समय में उन्हें थोड़ा सुकून दे सकेगा।

इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा की जरूरत और सरकारी नीतियों की प्रभावशीलता पर सवाल खड़ा कर दिया है। हमें उम्मीद है कि इस दुखद घटना के बाद संबंधित विभाग और अधिकारी इस पर गंभीरता से ध्यान देंगे और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।

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