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Uttarakhand Tourism: 16 मंदिरों के कायाकल्प के लिए सरकार ने खोला खजाना

उत्तराखंड सरकार ने कुमाऊं क्षेत्र के प्रसिद्ध मंदिरों को पुनरुद्धारित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इस निर्णय के तहत कुमाऊं के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को निखारने का कार्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में किया जाएगा। यह निर्णय धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और कुमाऊं क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को सशक्त बनाने और चारधाम यात्रा के समान महत्व की तीर्थ यात्रा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। इस योजना का नाम “मानसखंड मंदिर माला मिशन” रखा गया है। इस मिशन के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के 16 महत्वपूर्ण मंदिरों को नवीकरण के लिए चुना गया है।

इस मिशन का उद्देश्य धार्मिक स्थलों के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ उन स्थलों को पर्यटन के लिए आकर्षक बनाना है, जिससे कि प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सके। इस योजना के तहत शुरू में 9 मंदिरों पर नवीकरण का कार्य प्राथमिकता से किया जाएगा, और बाद में अन्य मंदिरों को भी शामिल किया जाएगा।

योजना का उद्देश्य और लाभ

मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों का पुनरुद्धार धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश को नई पहचान दिलाने का प्रयास है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य धार्मिक स्थलों की धरोहर को संरक्षित करना, उनकी पुरानी छवि को आधुनिक तकनीकों से संवारना और तीर्थयात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाना है।

  • धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा: इस योजना के माध्यम से कुमाऊं क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को एक नई दिशा दी जाएगी। नवीकरण और पुनरुद्धार के कारण इन मंदिरों की आकर्षण क्षमता में वृद्धि होगी, जो कि तीर्थयात्रियों को अधिक संख्या में आकर्षित करेगी।
  • आर्थिक विकास: धार्मिक पर्यटन के बढ़ने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या से स्थानीय व्यवसाय, होटलों और दुकानदारों को भी लाभ होगा।
  • संस्कृतिक संरक्षण: यह योजना कुमाऊं क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को संरक्षित करने का एक प्रयास है। मंदिरों के नवीकरण से उनकी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वता को बनाए रखा जाएगा।

प्रमुख मंदिरों की सूची और नवीकरण की योजना

मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत जिन मंदिरों को प्राथमिकता दी गई है, उनमें से कुछ प्रमुख मंदिरों की सूची निम्नलिखित है:

  1. नैनिताल का नैनादेवी मंदिर: यह मंदिर नैनिताल के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां पर नवीकरण से पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं और सुसज्जित वातावरण तैयार किया जाएगा।
  2. भीमताल का भीमेश्वर मंदिर: यह मंदिर ऐतिहासिक महत्व का है और यहां पर नवीकरण से इसकी धार्मिक छवि और खूबसूरती को बढ़ाया जाएगा।
  3. हल्द्वानी का मसान देवी मंदिर: इस मंदिर का नवीकरण धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।
  4. रानीखेत का महादेव मंदिर: इस मंदिर की नवीकरण योजना से यहां पर धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को नया जीवन मिलेगा।
  5. पिथौरागढ़ का चंपावत मंदिर: इस मंदिर को भी इस योजना के तहत नवीकरण किया जाएगा, जिससे तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी।

इन मंदिरों के नवीकरण के साथ-साथ उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। मंदिरों के आसपास बेहतर सुविधा और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदान किया जाएगा, जिससे कि पर्यटकों को एक सुविधाजनक और समृद्ध अनुभव मिल सके।

सरकार की प्रतिक्रिया और अपेक्षाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मिशन को प्रदेश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि कुमाऊं क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना और उसे नई ऊर्जा देना इस मिशन का मुख्य उद्देश्य है। सरकार का मानना है कि इस योजना से प्रदेश की धार्मिक पर्यटन संभावनाओं को बेहतर ढंग से उजागर किया जा सकेगा और कुमाऊं क्षेत्र को देश और विदेश के तीर्थयात्रियों के बीच एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री धामी ने भी यह आशा व्यक्त की है कि इस योजना के सफल कार्यान्वयन से कुमाऊं क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को नई दिशा मिलेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

भविष्य की दिशा

मानसखंड मंदिर माला मिशन का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन कुमाऊं क्षेत्र के धार्मिक पर्यटन को एक नई ऊंचाई पर ले जाने में सहायक होगा। इस मिशन से जुड़े सभी पक्षों को चाहिए कि वे इस योजना को सुचारू रूप से लागू करने में पूरी जिम्मेदारी निभाएं।

स्थानीय प्रशासन, धार्मिक संगठन, और नागरिकों को मिलकर इस योजना की सफलता के लिए काम करना होगा, ताकि कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों का नवीकरण हो सके और प्रदेश को एक नई पहचान मिल सके।

इस प्रकार, मानसखंड मंदिर माला मिशन कुमाऊं क्षेत्र के धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार और उनके पर्यटन क्षमता को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो भविष्य में प्रदेश के विकास में योगदान देगा।

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