UTTARAKHAND: BJP के 47 विधायकों में से कोई भी 10,000 सदस्य बनाने में सफल नहीं
UTTARAKHAND: प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 47 विधायकों में से कोई भी विधायक अभी तक 10,000 सदस्यों का लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाया है। जबकि तीन विधायकों ने 5,000 सदस्यों का आंकड़ा पार किया है, लेकिन इसके बावजूद पार्टी के संगठन पर्व सदस्यता अभियान के अंतर्गत लक्ष्य की पूर्ति को लेकर चिंताएँ बनी हुई हैं।
सदस्यता अभियान का विवरण
भाजपा ने 3 सितंबर से राज्य में सदस्यता अभियान की शुरुआत की थी, जो 25 सितंबर तक चलेगा। प्रदेश संयोजक कुलदीप कुमार ने बताया कि अभियान अक्टूबर महीने तक जारी रहेगा, और इस दौरान सभी विधायक अपने-अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे। 20 सितंबर तक भाजपा ने करीब 7 लाख नए सदस्य बनाए हैं, जो कि अभियान की सफलता का एक संकेत है।
विधायकों की सदस्यता संख्या
सोशल मीडिया पर विधायकों द्वारा बनाए गए सदस्यों की संख्या से संबंधित एक सूची वायरल हो रही है। इस सूची के अनुसार, 16 सितंबर तक सहसपुर के विधायक सहदेव पुंडीर ने सर्वाधिक 6,619 सदस्य बनाए हैं। इसके बाद हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक ने 6,439 और सितारगंज के विधायक कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने 5,645 सदस्यों की संख्या पार की है।
हालांकि, इस तिथि तक पार्टी का कोई भी विधायक 2,000 सदस्यों की संख्या तक नहीं पहुंच पाया। यह स्थिति पार्टी के भीतर चिंता का विषय बनी हुई है और कई कार्यकर्ताओं के लिए यह चुनौती बन गई है।
नेतृत्व की भूमिका और प्रतिक्रिया
कुलदीप कुमार का मानना है कि यह स्थिति सामान्य है और अंतिम तिथि से पहले सभी विधायक अपने लक्ष्यों को पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा, “हमारे पास अभी भी समय है, और सभी विधायक अपनी क्षमता के अनुसार कार्य कर रहे हैं। हम अभियान को सफल बनाने के लिए सभी उपाय कर रहे हैं।”
इसके अलावा, पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने यह भी सुझाव दिया है कि सदस्यता अभियान को सफल बनाने के लिए और अधिक सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। सोशल मीडिया और स्थानीय आयोजनों के माध्यम से लोगों को जोड़ने की दिशा में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस स्थिति पर विपक्षी दलों ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनके अनुसार, भाजपा के भीतर की यह चिंता दर्शाती है कि पार्टी अपने संगठन को मज़बूत करने में असफल रही है। विपक्षी नेताओं का मानना है कि यदि भाजपा वास्तव में प्रदेश की जनता के बीच लोकप्रिय है, तो उन्हें सदस्यों की संख्या में वृद्धि में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
सदस्यता अभियान का महत्व
सदस्यता अभियान का लक्ष्य पार्टी के आधार को मजबूत करना और आने वाले चुनावों के लिए एक सशक्त संगठन का निर्माण करना है। भाजपा इस अभियान के माध्यम से नए सदस्यों को जोड़कर अपने समर्थन को बढ़ाना चाहती है। इससे न केवल पार्टी को चुनावी मैदान में लाभ होगा, बल्कि यह कार्यकर्ताओं के लिए भी एक उत्साह का विषय बन जाएगा।
भविष्य की योजना
भाजपा ने आगामी समय में सदस्यता अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुछ रणनीतियाँ तैयार की हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण योजना है “मिशन 2024”, जिसमें पार्टी आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए अपने संगठन को तैयार करने का प्रयास कर रही है। इस दिशा में, सभी विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहने की सलाह दी गई है।
हालांकि भाजपा का सदस्यता अभियान अभी तक अपनी पूर्ण क्षमता को प्राप्त नहीं कर पाया है, लेकिन पार्टी नेतृत्व आश्वस्त है कि आने वाले समय में स्थिति बेहतर होगी। कुलदीप कुमार और अन्य नेताओं का मानना है कि सभी विधायक इस अभियान को सफल बनाने के लिए सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
जबकि विपक्ष इस स्थिति पर हंसता है, भाजपा के नेता इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार कर रहे हैं। ऐसे में, आगामी दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा अपने सदस्यता अभियान में अपनी खामियों को दूर कर पाती है या नहीं।
भाजपा के सदस्यों की संख्या में वृद्धि और अभियान की सफलता प्रदेश की राजनीतिक तस्वीर को भी प्रभावित कर सकती है, और आने वाले चुनावों में इसका बड़ा असर हो सकता है।