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UTTARAKHAND में अपहरण विवाह एक अनोखी शादी की प्रथा

बिहार में “पकड़वा विवाह” की प्रथा लंबे समय से चर्चा में है, जहां दहेज से बचने के लिए अक्सर सरकारी नौकरी वाले लड़कों का अपहरण किया जाता है और उनकी शादी करवा दी जाती है। यह प्रथा समाज के दबावों और आर्थिक कारणों से उत्पन्न होती है, जहां परिवार दहेज की मांग को पूरा करने में असमर्थ होते हैं। इस प्रक्रिया में लड़के को बंधक बनाकर उसकी शादी एक लड़की के साथ कर दी जाती है, जिससे दहेज की समस्या से निपटा जा सके।उत्तराखंड में भी ऐसा ही उत्तराकाशी के जाड समुदाय जौनसार में होता था

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के जाड समुदाय में भी एक समान प्रथा प्रचलित है। यहां विवाह की प्रक्रिया में कुछ विशेषताएं हैं। इस समुदाय में, युवा लड़के और लड़कियां एक-दूसरे के साथ शादी करना चाहते हैं, लेकिन उनके माता-पिता इस संबंध के लिए राजी नहीं होते। इससे विवाह की इच्छा रखने वाले जोड़ों को एक कठिन स्थिति का सामना करना पड़ता है।

आर्थिक समस्याएं और सामाजिक दबाव

इन मामलों में, माता-पिता की आर्थिक समस्याएं एक बड़ा कारक होती हैं। अक्सर, माता-पिता अपने बच्चों की शादी के लिए जरूरी धन जुटाने में असमर्थ होते हैं, जिससे युवा जोड़े अपनी इच्छाओं को पूरा नहीं कर पाते। इस प्रकार, विवाह के लिए सामाजिक दबाव और वित्तीय संकट एक बड़ी चुनौती बन जाती है।

विवाह के लिए उठाए गए कदम

प्यार में मजबूरी

उत्तराखंड के जाड समुदाय में युवा जोड़े अपनी इच्छा से विवाह करने के लिए कई बार कठिनाइयों का सामना करते हैं। जब माता-पिता उनके रिश्ते को नहीं मानते, तो ये युवा जोड़े अक्सर इस प्रथा का सहारा लेते हैं। वे अपहरण का रास्ता अपनाते हैं, जिससे उन्हें एक दूसरे के साथ रहने का अवसर मिलता है, भले ही यह एक विवादास्पद प्रक्रिया हो।

परंपरागत दृष्टिकोण

हालांकि, यह प्रथा समाज में अनेक प्रश्न उठाती है। क्या यह सही है कि प्रेमियों को एक-दूसरे के साथ रहने के लिए इस तरह की चरम सीमाओं तक जाना पड़े? इस प्रकार के विवाह में सामाजिक और कानूनी मुद्दे भी जुड़ जाते हैं, जहां परिवार की सहमति के बिना विवाह करने की प्रक्रिया अक्सर विवादास्पद होती है।

समाज में बदलाव की आवश्यकता

मानसिकता में बदलाव

इस प्रकार की प्रथाओं के चलते समाज में एक बड़ा सवाल उठता है: क्या यह सही है कि समाज की परंपराओं और आर्थिक समस्याओं के चलते युवा अपनी इच्छाओं को पूरी नहीं कर पा रहे हैं? इस मुद्दे पर चर्चा करना आवश्यक है, ताकि समाज में बदलाव आ सके।

शिक्षा और जागरूकता

सिर्फ कानून बनाना ही समाधान नहीं है; बल्कि शिक्षा और जागरूकता भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। समाज के सभी वर्गों को इस विषय पर जागरूक करना होगा, ताकि युवा जोड़े अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए सही तरीके से कदम उठा सकें।

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