Uttarakhand

UTTARAKHAND में अवैध खनन पर कड़ा शिकंजा,अवैध ढुलाई पर जुर्माना बढ़ा, वाहनों पर GPS लगाना अनिवार्य

उत्तराखंड सरकार ने अवैध खनन और खनिज की अवैध ढुलाई पर कड़ा शिकंजा कसने के लिए नई नियमावली जारी की है। इस नियमावली के तहत, अवैध खनन में पकड़ी जाने वाली पोकलेन पर अब पांच लाख रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। साथ ही, 10 टायर ट्रक या डंपर पकड़े जाने पर जुर्माने की राशि दोगुनी कर दी गई है।

खनन विभाग का कड़ा कदम

राज्य के खनन विभाग ने अवैध खनन पर नियंत्रण पाने के लिए विभिन्न उपायों की घोषणा की है। विभाग ने बताया है कि यह निर्णय खनन माफिया पर शिकंजा कसने और खनिजों की चोरी रोकने के लिए लिया गया है।

नई नियमावली के प्रमुख बिंदु

  1. जुर्माने की वृद्धि: पोकलेन पर अब पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। पहले 10 टायर ट्रक पर जुर्माना 50,000 रुपये था, जिसे बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दिया गया है।
  2. जीपीएस अनिवार्यता: खनिज परिवहन में लगे सभी वाहनों में जीपीएस लगाना अनिवार्य किया गया है। इससे अवैध खनन की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ेगी। जीपीएस और धर्मकांटा को भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के ई-रवन्ना पोर्टल के साथ इंटीग्रेटेड किया जाएगा।
  3. भंडारण की अनुमति: खनिज की छोटे स्तर पर बिक्री के लिए 200 मीटर तक रिटेल भंडारण की अनुमति दी गई है। यह अनुमति पांच साल के लिए मान्य होगी और 200 घनमीटर तक भंडारण किया जा सकेगा।
  4. किराए पर भूमि देने वालों की जिम्मेदारी: यदि किसी व्यक्ति ने खनिज भंडारण और खनन के लिए भूमि किराए पर दी है, तो उसकी जिम्मेदारी होगी कि निर्धारित अवधि के बाद अवैध खनन न हो।
  5. ई-रवन्ना की वैधता: ई-रवन्ना प्रपत्रों की वैधता समाप्त होने के 72 घंटे के भीतर स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट आदि द्वारा रिसीव न करने पर ई-रवन्ना पत्र स्वतः विलोपित हो जाएंगे।

आदतन अपराधियों पर सख्ती

भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक, राजपाल लेघा ने बताया कि यदि कोई वाहन दो से अधिक बार पकड़ा जाता है, तो उसे आदतन अपराधी मानते हुए जब्त कर राज्य संपत्ति घोषित किया जाएगा। यह नियम ऐसे वाहनों पर लागू होगा जो लगातार अवैध खनन में शामिल पाए गए हैं।

छोटे वाहनों पर जुर्माना

इसके अलावा, बुग्गी पर भी दो हजार रुपये का जुर्माना तय किया गया है, जिससे छोटे स्तर पर होने वाली अवैध खनन की गतिविधियों पर भी अंकुश लगाया जा सके।

इस नई नियमावली से उम्मीद है कि अवैध खनन पर काबू पाया जा सकेगा और खनिज माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकेगी। राज्य सरकार की यह पहल स्पष्ट संकेत देती है कि वह खनिज संसाधनों के संरक्षण और उनके अनुचित दोहन को लेकर गंभीर है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button