What is Dunki: राहुल गांधी के बयान से सुर्खियों में आया ‘डंकी रूट’, पंजाब में माफिया सक्रिय
कनाडा में वीजा की सख्ती के चलते मानव तस्करी का धंधा फिर से सक्रिय हो गया है। अवैध तस्कर अब 50 से 50 लाख रुपये लेकर युवाओं को ‘डंकी वीजा’ के जरिए अमेरिका में अवैध प्रवेश कराने में लगे हुए हैं। पंजाब, खासकर जालंधर, इस अवैध व्यापार का मुख्य केंद्र बन चुका है, जहां माफिया युवाओं को जाल में फंसा कर इस धंधे को तेज कर रहा है।
डंकी रूट क्या है?
डंकी रूट एक अवैध यात्रा मार्ग है, जो भारतीयों को अमेरिका तक पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस रूट के अंतर्गत, भारतीय नागरिकों को पहले दिल्ली से सर्बिया के लिए सीधी उड़ान भरी जाती है। सर्बिया में उतरने के बाद, उन्हें हंगरी और फिर ऑस्ट्रिया ले जाया जाता है। यहां से उन्हें इटली, स्विट्जरलैंड और जर्मनी की सीमाओं को पार करते हुए अमेरिका में दाखिल किया जाता है।
यात्रा का अवैध पहलू
यह यात्रा पूरी तरह से अवैध होती है और इसमें कई सप्ताह या महीनों का समय लग सकता है। इस प्रक्रिया में शामिल तस्कर मोटी रकम वसूलते हैं, और एक प्रकार का कार्टेल काम करता है। इस पूरी यात्रा में कई देशों के जरिए जाना होता है, जिससे तस्करों का नेटवर्क और मजबूत होता है।
सर्बिया का वीजा मुक्त यात्रा पर प्रतिबंध
सर्बिया ने एक जनवरी 2023 से भारतीयों के लिए वीजा मुक्त यात्रा पर रोक लगा दी है। इससे पहले भारतीय नागरिक बिना वीजा के सर्बिया जा सकते थे और वहां 30 दिन तक रह सकते थे। अब इस वीजा मुक्त यात्रा के बंद होने से तस्करों ने अपने तरीकों को और अधिक परिष्कृत कर लिया है, जिससे वे युवा भारतीयों को नई तकनीकों के जरिए अमेरिका भेजने का प्रयास कर रहे हैं।
मानव तस्करी के आंकड़े
एक रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2024 तक 17,774 भारतीय नागरिक अमेरिका की सीमा पर अवैध रूप से प्रवेश करते पकड़े गए हैं। यह आंकड़ा मानव तस्करी के बढ़ते जाल और नेटवर्क का संकेत है, जो मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा में सक्रिय है।
जालंधर में सक्रिय माफिया
जालंधर में एक किंगपिन, जो कपूरथला के बेगोवाल इलाके का रहने वाला है, ने पूरे पंजाब और हरियाणा में अपने एजेंटों को तैनात कर रखा है। बताया जा रहा है कि वह जालंधर से संचालित हो रहे इस अवैध व्यापार में हर युवा से 50-50 लाख रुपये तक वसूलता है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से यह धंधा बेखौफ चल रहा है।
सुखजिंदर का अनुभव
तरनतारन के रहने वाले सुखजिंदर जैसे कई युवा हैं, जिन्होंने अमेरिका जाने का सपना देखा। सुखजिंदर को एक रिश्तेदार ने बाली में रहने वाले सनी कुमार से मिलवाया। सनी ने उसे भरोसा दिलाया कि वह मैक्सिको के रास्ते अमेरिका पहुंचा सकता है। सुखजिंदर बाली पहुंचे, लेकिन वहां सनी ने उसे कैद कर लिया और 23 दिन तक उसे बंधक बनाए रखा।
एक बंधक की कहानी
सुखजिंदर के मुताबिक, उसे इस दौरान पीटा गया और मजबूर किया गया कि वह घरवालों से झूठ बोले कि वह अमेरिका पहुंच गया है। इसके बाद उसने अपने परिवार से 45 लाख रुपये की मांग करने के लिए कहा। सुखजिंदर ने आखिरकार यह राशि अपने परिवार से मंगवाई, लेकिन उसका अमेरिका का सपना बिखर गया। उसे काफी संघर्ष के बाद अपने घर वापस लौटना पड़ा।
पुलिस और सरकार की भूमिका
इस अवैध व्यापार के खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। स्थानीय पुलिस और सरकार को इस दिशा में सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि मानव तस्करी के इस जाल को तोड़ा जा सके। यदि इस समस्या को समय रहते नहीं सुलझाया गया, तो आने वाले समय में यह और भी गंभीर रूप ले सकती है।
भविष्य की चुनौतियाँ
मानव तस्करी के मामलों में वृद्धि के कारण युवाओं को जागरूक करना भी अत्यंत आवश्यक है। उन्हें यह समझाना होगा कि इस तरह के अवैध रास्तों से अमेरिका जाना न केवल जोखिम भरा है, बल्कि उनके भविष्य के लिए भी घातक हो सकता है।