World Tourism Day: वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभरता उत्तराखंड
उत्तराखंड की भव्यता और प्राकृतिक सौंदर्य इसे वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में एक आदर्श स्थान बना रहे हैं। यहां के रिसॉर्ट्स और ऐतिहासिक स्थलों में शादी समारोह का आयोजन करने के लिए पर्यटक विशेष रूप से आकर्षित हो रहे हैं। त्रियुगी नारायण मंदिर जैसे पौराणिक स्थलों में विवाह करने का अनुभव बेहद खास होता है।
उत्तराखंड: एक आदर्श वेडिंग डेस्टिनेशन
उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर ने इसे वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया है। यहां विभिन्न विश्वस्तरीय होटलों और रिसॉर्ट्स के साथ-साथ ऐतिहासिक स्थलों की भी कमी नहीं है। त्रियुगी नारायण मंदिर, जहां भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था, एक पौराणिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। नैनीताल, मसूरी, और ऋषिकेश जैसे स्थलों पर भी विवाह समारोह आयोजित करने की सुविधा उपलब्ध है
नए निवेशकों को आकर्षित करना
प्रदेश सरकार वाईब्रेंट विलेज योजना का उद्देश्य सीमावर्ती गांवों में पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। इस योजना के तहत, विशेष रूप से भारत-चीन सीमा के निकट के क्षेत्रों में विकास कार्य किए जा रहे हैं। गृह मंत्रालय ने इस योजना के तहत पांच सड़कों के निर्माण के लिए 119.443 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है, जिसमें से 26.06 करोड़ रुपये की पहली किश्त भी जारी की जा चुकी है। यह कदम ग्रामीण पर्यटन को मजबूती प्रदान करेगा, जिससे स्थानीय समुदायों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा।प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए नए निवेशकों को प्रोत्साहित करने की दिशा में कई पहल की हैं। हर साल बढ़ती पर्यटकों की संख्या, विशेष रूप से तीर्थयात्रियों की, ने सरकार को नए पर्यटन डेस्टिनेशन विकसित करने के लिए प्रेरित किया है। मसूरी, नैनीताल, हरिद्वार, और ऋषिकेश जैसे प्रसिद्ध स्थलों पर पर्यटकों की संख्या अब क्षमता से अधिक हो चुकी है। ऐसे में, नए स्थलों का विकास आवश्यक हो गया है।
टिहरी झील का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकास
टिहरी झील को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए 1200 करोड़ रुपये की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की गई है। एशियन डेवलपमेंट बैंक ने इस परियोजना के लिए 600 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। इसके अंतर्गत साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग और बंजी जंपिंग जैसे गतिविधियों को शामिल किया जाएगा।
आध्यात्मिक पर्यटन का नया दृष्टिकोण
चारधाम यात्रा के अंतर्गत बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम का महत्व प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बहुत अधिक है। अब मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत पहले चरण में कुमाऊं क्षेत्र के 16 मंदिरों में पर्यटन सुविधाओं के लिए विकास कार्य किए जाएंगे। इनमें प्रमुख मंदिर जैसे जागेश्वर, चितई गोल्ज्यू और नंदा देवी शामिल हैं, जिससे आध्यात्मिक पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।।
एस्ट्रो टूरिज्म की नई पहल
उत्तराखंड में एस्ट्रो टूरिज्म के विकास के लिए नई पहल की गई है। नैनीताल के ताकुला, देवस्थानम, और चमोली जिले के बेनीताल में एस्ट्रो विलेज बनाए गए हैं। ये स्थान खगोलीय गतिविधियों में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए आदर्श हैं, जहां वे एकांत में तारे देख सकते हैं। पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी में भी इसी प्रकार के संभावित स्थानों की खोज जारी है।
वाईब्रेंट विलेज योजना का प्रभाव
वाईब्रेंट विलेज योजना के तहत, उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ और अन्य क्षेत्रों के गांवों को वाईब्रेंट विलेज घोषित किया गया है। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। यह योजना सीमावर्ती क्षेत्रों में न केवल विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूत करेगी।
उत्तराखंड की सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से न केवल पर्यटन के क्षेत्र में विकास होगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी लाभ होगा। वाईब्रेंट विलेज योजना, एस्ट्रो टूरिज्म, और नई निवेश पहलों के माध्यम से प्रदेश को एक नया पर्यटन नक्शा तैयार करने का मौका मिल रहा है। यह सभी पहलें प्रदेश को एक आदर्श पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होंगी।