UTTARAKHAND के मंदिरों में भोग-प्रसाद की भी होगी जांच
उत्तराखंड के पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने एक महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के प्रसिद्ध मंदिरों में बनने वाले भोग-प्रसाद की शुद्धता की जांच का आदेश दिया है। उनका कहना है कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि प्रसाद भक्तों के स्वास्थ्य सुरक्षा के उच्च मानकों को पूरा करता है।
चारों धामों पर विशेष ध्यान
महाराज ने निर्देशित किया कि राज्य के चारों धामों—बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री—सहित अन्य प्रमुख मंदिरों में तैयार किए जाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता की जांच की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी भी मंदिर के प्रसाद में मिलावट पाई जाती है, तो प्रशासन इसे नजरअंदाज नहीं करेगा। मिलावट के दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भक्तों के स्वास्थ्य की प्राथमिकता
सतपाल महाराज ने कहा, “यहां के मंदिरों में हर साल देश-विदेश से हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। भक्तों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।” उन्होंने अधिकारियों को भोग-प्रसाद की गुणवत्ता की जांच करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं, ताकि भक्तों को शुद्ध और सुरक्षित प्रसाद मिले।
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की पहल
पर्यटन मंत्री के निर्देशों के बाद, बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के प्रमुख अजेंद्र अजय ने इस मामले की गहनता को देखते हुए प्रदेश के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने भी इस बात पर जोर दिया कि बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम सहित बीकेटीसी के दायरे में आने वाले सभी मंदिरों में भोग-प्रसाद की प्रणाली की शुद्धता और गरिमा बनाए रखना प्राथमिकता होगी।
सामग्री की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी
अजेंद्र अजय ने बताया कि मंदिरों में भोग-प्रसाद बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि केवल शुद्ध और सुरक्षित सामग्री का ही उपयोग हो।”
तिरुपति मंदिर का मामला
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मामले के बाद, देश भर के प्रमुख मंदिरों में भोग-प्रसाद की नियमित प्रयोगशाला जांच शुरू करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इस घटना ने सभी मंदिरों के प्रसाद की गुणवत्ता और शुद्धता पर सवाल उठाए |