Uttarakhand

UTTARAKHAND : CM धामी ने ‘मन की बात’ का 114वां संस्करण सुना, PM ने उत्तरकाशी के झाला गांव का किया जिक्र

देहरादून के अनारवाला में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ का 114वां संस्करण सुना। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम हमेशा समाजिक सरोकारों को लेकर बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने यह भी बताया कि नवरात्रि के शुभारंभ के अवसर पर 3 अक्टूबर 2024 को इस कार्यक्रम के 10 वर्ष पूरे होंगे।

‘मन की बात’ का सामाजिक प्रभाव

पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि पिछले दस वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ के माध्यम से देश के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले सामाजिक संगठनों और लोगों का जिक्र किया है। इस कार्यक्रम ने लोगों को जनहित में अनेक कार्य करने के लिए प्रेरित किया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम से प्रेरणा लेकर कई लोगों ने सराहनीय कार्य किए हैं, जो समाज में बदलाव लाने में सहायक साबित हो रहे हैं।

उत्तरकाशी के झाला गांव का उदाहरण

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उत्तरकाशी के सीमावर्ती गांव झाला का विशेष जिक्र किया। उन्होंने बताया कि यहां के युवाओं ने ‘धन्यवाद प्रकृति’ नामक एक स्वच्छता अभियान शुरू किया है। इस पहल के अंतर्गत गांव के युवा रोजाना दो घंटे सफाई करते हैं, जिसमें गांव की गलियों में बिखरे हुए कूड़े को समेटा जाता है और इसे गांव के बाहर तय जगह पर डाला जाता है।

धामी ने कहा, “यह स्वच्छता के क्षेत्र में एक सराहनीय पहल है। इससे ना केवल झाला गांव स्वच्छ हो रहा है, बल्कि लोग भी जागरूक हो रहे हैं।” उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि इस प्रकार के स्वच्छता कार्यक्रमों को जनसहयोग से बढ़ावा दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता का संबंध न केवल स्वास्थ्य से है, बल्कि यह राज्य के पर्यटन के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रधानमंत्री के संकल्प का समर्थन

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि हमें भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए अपना योगदान देना होगा। उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’ पर विशेष ध्यान देने की बात की, जिससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिल सके।

धामी ने कहा, “त्योहारों में स्थानीय उत्पादों की खरीददारी करके हमें स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका को बढ़ाने में मदद करनी होगी।” उन्होंने यह भी जोर दिया कि विकास के साथ-साथ अपनी विरासत को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जिसमें स्थानीय भाषाओं, बोलियों और संस्कृति के संरक्षण के प्रयास शामिल हैं।

कैबिनेट मंत्री का समर्थन

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी प्रधानमंत्री मोदी के उत्तराखंड से विशेष लगाव का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने हमेशा उत्तराखंड की विशेषताओं जैसे बाल मिठाई और एपण कला का जिक्र किया है।” उन्होंने भी सभी से ‘मन की बात’ कार्यक्रम को सुनने की अपील की और बताया कि गांव के युवा स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं।

समाज में बदलाव की दिशा में कदम

मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि हमें मिलकर समाज में बदलाव लाने के लिए प्रयास करने होंगे। ‘मन की बात’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से न केवल प्रेरणा मिलती है, बल्कि यह समाज में सामूहिक प्रयासों को भी बढ़ावा देता है। यह जरूरी है कि हम सभी अपने-अपने स्तर पर इस दिशा में आगे बढ़ें और एक स्वस्थ, स्वच्छ और समृद्ध समाज का निर्माण करें।

जागरूकता का महत्व

स्वच्छता और सामाजिक जिम्मेदारी के मामलों में जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए। इससे न केवल लोगों में जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव भी आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन प्रदेश में स्थानीय स्तर पर किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक लोग इस अभियान का हिस्सा बन सकें।

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