Haryana Chunav: देश की सबसे अमीर महिला विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार
हरियाणा विधानसभा चुनावों में देश की सबसे अमीर महिला, सावित्री जिंदल, निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में हिसार से चुनावी मैदान में उतरी हैं। वे बीजेपी सांसद नवीन जिंदल की मां हैं, और उनकी चुनावी यात्रा में परिवार का सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हालाँकि, उनके बेटे नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र में भाजपा के लिए प्रचार कर रहे हैं, लेकिन उनकी पत्नी शालू जिंदल और अन्य पारिवारिक सदस्य सक्रिय रूप से चुनावी प्रचार में जुटे हुए हैं।
चुनावी प्रचार की चुनौती
सावित्री जिंदल ने हाल ही में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी द्वारा उन्हें चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने के बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। उनका यह कदम पार्टी से स्वतंत्रता की ओर संकेत करता है। “भले ही बीजेपी मुझे मनाने की कोशिश करे, मैं अपना निर्णय नहीं बदलूँगी,” उन्होंने कहा। यह उनकी दृढ़ता को दर्शाता है और यह स्पष्ट करता है कि वे अपने क्षेत्र की जनता के साथ सीधे संवाद करना चाहती हैं।
परिवार का सक्रिय सहयोग
सावित्री जिंदल के परिवार के सदस्य, जिनमें उनके बेटे पृथ्वीराज, सज्जन, और रतन जिंदल शामिल हैं, भी चुनावी प्रचार में उनकी मदद कर रहे हैं। शालू जिंदल ने हाल ही में एक कार्यक्रम में भाग लिया और अपनी सास के लिए वोट मांगे। इस तरह का पारिवारिक सहयोग चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, खासकर जब बात एक स्थापित परिवार की हो।
नवीन जिंदल का चुनावी सफर
नवीन जिंदल, जो अब बीजेपी के सदस्य हैं, ने पिछले लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील गुप्ता को 29,000 से अधिक वोटों से हराया था। इससे पहले वे कांग्रेस में थे, लेकिन चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए। यह बदलाव उनके राजनीतिक सफर को नई दिशा देने वाला साबित हुआ।
सावित्री जिंदल: एक आर्थिक शक्ति
सावित्री जिंदल, जो जिंदल समूह की चेयरपर्सन हैं, स्वर्गीय ओपी जिंदल की पत्नी हैं, जिन्हें ‘स्टील किंग’ के नाम से जाना जाता था। फॉर्च्यून इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उनके पास 2.77 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो उन्हें देश की सबसे अमीर महिला बनाती है। इस संपत्ति का प्रभाव उनकी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक हो सकता है, क्योंकि वित्तीय संसाधन चुनावी अभियान में महत्वपूर्ण होते हैं।
राजनीतिक बातचीत का स्वरूप
हालाँकि सावित्री जिंदल अपने बेटे से नियमित रूप से बात करती हैं, लेकिन उन्होंने बताया कि उनके बीच राजनीतिक मुद्दों पर कम ही चर्चा होती है। यह दर्शाता है कि वे अपने बेटे के राजनीतिक करियर को लेकर चिंतित नहीं हैं, बल्कि वे अपनी स्वतंत्रता और विचारों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
मतदान और चुनाव की तिथि
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 5 अक्टूबर को होगा, और वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को की जाएगी। राज्य की सभी 90 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव भी इसी समय हो रहे हैं, जिसमें अब तक 3 में से 2 चरण के मतदान हो चुके हैं।
चुनावी माहौल
हरियाणा के राजनीतिक माहौल में चुनावी प्रचार तेज हो चुका है, और सावित्री जिंदल का निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में आना चुनावी समीकरण को बदल सकता है। उनका चुनावी अभियान न केवल व्यक्तिगत महत्व रखता है, बल्कि यह उनकी पार्टी और परिवार के राजनीतिक भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।