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गरबा पंडालों में गोमूत्र पिलाकर ही दी जाए एंट्री बीजेपी नेता का विवादास्पद सुझाव

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के बीजेपी अध्यक्ष चिंटू वर्मा ने नवरात्रि के दौरान गरबा पंडालों में प्रवेश को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने आयोजकों से आग्रह किया है कि गरबा पंडालों में एंट्री के लिए गोमूत्र का सेवन अनिवार्य किया जाए। वर्मा का कहना है कि “गोमूत्र पीने से कोई भी हिंदू इनकार नहीं कर सकता,” और इस सुझाव का उद्देश्य हिंदू संस्कृति को बढ़ावा देना बताया गया है।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी नेता के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी के प्रवक्ता ने इसे “ध्रुवीकरण की कोशिश” करार दिया है, ऐसे बयान समाज में विभाजन को बढ़ावा देते हैं। कांग्रेस का कहना है कि धार्मिक उत्सवों का उद्देश्य एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना है, न कि किसी प्रकार के धार्मिक या सांस्कृतिक भेदभाव को।

पिछले विवाद

गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में गरबा पंडालों में प्रवेश को लेकर कई विवाद उठ चुके हैं। कुछ स्थानों पर मारपीट की घटनाएँ भी हुई हैं, जहाँ एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के लोगों को गरबा में प्रवेश से रोकने की कोशिश की। ऐसे में, चिंटू वर्मा का बयान और भी संवेदनशील बन जाता है, क्योंकि यह पहले से ही विभाजनकारी माहौल को और बढ़ा सकता है

समाज पर संभावित प्रभाव

चिंटू वर्मा के बयान के बाद, यह सवाल उठता है कि क्या यह भारतीय समाज में धार्मिक ध्रुवीकरण को और बढ़ावा देगा। एक ऐसे समय में जब समाज में एकता और भाईचारे की जरूरत है, ऐसे बयान केवल विभाजनकारी हो सकते हैं।

युवा पीढ़ी का नजरिया

युवाओं के बीच इस विषय पर विभाजन दिखाई दे रहा है। कुछ लोग इस विचार का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अधिकांश इसे अस्वीकार कर रहे हैं। युवा पीढ़ी अधिकतर ऐसे विचारों को पसंद नहीं करती, जो किसी प्रकार की बाध्यता या भेदभाव का संकेत देते हैं।

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