Uttarakhand News : पिथौरागढ़ जिले का अंतिम गांव नामिक अब बिजली की रोशनी से जगमगाएगा
पिथौरागढ़ जिले का नामिक गांव, जो अपनी दुर्गम भौगोलिक स्थिति के कारण बिजली की रोशनी से अब तक वंचित था, अब जल्द ही रोशन होने वाला है। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने इस गांव को ग्रिड से बिजली पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है। 340 परिवारों के घर रोशन होंगे और यहां की एक हजार से अधिक की आबादी को बिजली की सुविधा मिलेगी।
दुर्गम यात्रा का अंत
नामिक गांव मुनस्यारी विकासखंड के मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर स्थित है और यहां पहुंचने के लिए लोगों को 24 किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ती है। यह गांव आज तक बिजली की सुविधाओं से अछूता था, जिससे ग्रामीणों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। अब, यूपीसीएल की पहल से यहां की दुश्वारियों का समाधान होने जा रहा है।
वित्तीय योजना और कार्यान्वयन
बिजली पहुंचाने के लिए 3.46 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। यूपीसीएल का दावा है कि जल्द ही नामिक में ग्रिड से बिजली पहुंचाई जाएगी। इसके तहत 15 किलोमीटर लंबी बिजली लाइन बिछाई जाएगी, जिसमें 12 ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। धारचूला में यूपीसीएल के कार्यकारी इंजीनियर बीके बिष्ट ने बताया कि गोला गांव तक ग्रिड से बिजली पहुंचाई जा चुकी है, और अब नामिक तक इसे पहुंचाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
वर्तमान स्थिति
नामिक गांव में अब तक ग्रिड से बिजली नहीं पहुंची है। यहां की जनता को उरेडा की एक छोटी बिजली परियोजना से राहत मिलती थी, लेकिन यह परियोजना केवल चार घंटे की बिजली प्रदान करती थी—सुबह दो घंटे और शाम को दो घंटे। इसके परिणामस्वरूप, ग्रामीण केवल बल्ब जैसे छोटे उपकरणों का ही इस्तेमाल कर पाते थे, जबकि अन्य घरेलू उपकरणों का उपयोग करना संभव नहीं था।
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना
नामिक गांव को अब प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत चयनित किया गया है, जिसके तहत यहां ग्रिड से बिजली पहुंचाई जाएगी। इस योजना के माध्यम से ग्रामीणों को पर्याप्त बिजली मिलेगी, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार होगा। योजना को लागू करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, और जल्द ही इस पर कार्य प्रारंभ होगा।
ग्रामीणों की उम्मीदें
नामिक गांव के निवासी इस बदलाव को लेकर काफी उत्साहित हैं। गांव के प्रधान और अन्य ग्रामीणों का कहना है कि बिजली की उपलब्धता से न केवल उनकी रोजमर्रा की जीवनशैली में सुधार होगा, बल्कि बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार आएगा। अब ग्रामीणों को उम्मीद है कि वे आधुनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं का अनुभव कर सकेंगे।