उत्तराखंड की जीडीपी में ऐतिहासिक बढ़ोतरी 1.3 गुना बढ़कर 3.46 लाख करोड़ रुपये हुई
उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है, जहां राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बीस महीने में 1.3 गुना बढ़कर 3.46 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। 2021-22 में राज्य की जीडीपी 2.74 लाख करोड़ रुपये थी, जो अब 2023-24 में बढ़कर 3.46 लाख करोड़ रुपये हो गई है। इस वृद्धि का श्रेय राज्य में पर्यटन और विनिर्माण क्षेत्रों में हुए विकास को दिया जा रहा है।
आर्थिक विकास दर में वृद्धि
सचिव नियोजन आर मीनाक्षी सुंदरम ने बुधवार को एक पत्रकार वार्ता में इस उपलब्धि की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड में पर्यटन और विनिर्माण क्षेत्र में आर्थिक विकास दर में सर्वाधिक बढ़ोतरी हुई है। इन दोनों क्षेत्रों में सरकार की नीतियों और योजनाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” मीनाक्षी सुंदरम ने यह भी बताया कि राज्य में विकास की गति को बनाए रखने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं, जिससे आगे भी सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद है।
बेरोजगारी में कमी
मीनाक्षी सुंदरम ने यह भी बताया कि उत्तराखंड की बेरोजगारी दर में गिरावट आई है। 2023-24 में 15 से 29 वर्ष के बीच के युवाओं में बेरोजगारी दर में 19.9% की गिरावट दर्ज की गई है। “यह गिरावट यह दर्शाती है कि राज्य सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में सफलता पाई है,” उन्होंने कहा। बेरोजगारी दर में कमी से न केवल आर्थिक स्थिरता आई है, बल्कि सामाजिक विकास भी हो रहा है।
प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि
उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 1.84 लाख रुपये थी, जो अब 2023-24 में बढ़कर 2.60 लाख रुपये हो गई है, यानी 26% की बढ़ोतरी। “यह वृद्धि हमारे विकास के संकेतक को दर्शाती है और यह भी बताती है कि राज्य में आम आदमी की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है,” मीनाक्षी सुंदरम ने कहा।
भविष्य की योजनाएं
उत्तराखंड की जीडीपी को दोगुना करने की योजना भी बनाई गई है। मीनाक्षी सुंदरम ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि अगले पांच साल में राज्य की जीडीपी को दोगुना किया जाए। इसके लिए हमें लगातार विकासशील नीतियों और योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा।” उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विकास योजनाएं लागू की जा रही हैं।
सौर ऊर्जा नीति में संशोधन
मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा की नीति में किए गए संशोधनों को “गेम चेंजर योजना” बताया। “2018-19 में केवल तीन मेगावाट के प्लांट लगाए गए थे, लेकिन नीति में बदलाव और इसे MSME से जोड़ने के बाद अब 174 मेगावाट के प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं,” उन्होंने कहा। यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे न केवल ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
पर्यटन क्षेत्र का महत्व
उत्तराखंड का पर्यटन क्षेत्र भी राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मीनाक्षी सुंदरम ने कहा, “हमें पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नई योजनाएं विकसित करनी होंगी। इसके लिए हमें राज्य के प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक धरोहर को सही तरीके से प्रदर्शित करना होगा।” राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम और योजनाएं तैयार की जा रही हैं।
उद्योग और विनिर्माण क्षेत्र का विकास
विनिर्माण क्षेत्र में भी उत्तराखंड ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। “सरकार ने MSME को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिससे छोटे उद्योगों को वित्तीय सहायता और अन्य संसाधनों का लाभ मिल सके,” मीनाक्षी सुंदरम ने बताया। उद्योग और विनिर्माण क्षेत्र में विकास से राज्य में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, जो युवाओं के लिए सकारात्मक संकेत है।