Iran-Isreal War: इजरायल-ईरान में कौन कितना है ताकतवर : जानिए
Iran-Isreal War: दुनिया की निगाहें इस वक्त मीडिल ईस्ट पर टिक गई हैं, जहां इजरायल और ईरान के बीच तनाव ने नए स्तर पर पहुंच गया है। हाल ही में ईरान ने इजरायल के तेल अविव पर रॉकेट और मिसाइलों की बौछार की, जिसके बाद से हालात और भी बिगड़ गए हैं। अक्टूबर 2023 में हमास के इजरायल पर हमले के बाद से यह संघर्ष और भी बढ़ गया है। इस बार लड़ाई केवल इजरायल और फिलिस्तीन के बीच नहीं, बल्कि ईरान भी इस लड़ाई में कूद पड़ा है।
संघर्ष की जड़ें
मीडिल ईस्ट में इजरायल का मुस्लिम देशों के साथ संघर्ष लंबे समय से चला आ रहा है। हालांकि, वर्तमान में स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि एक बड़ा युद्ध होने की संभावना बनी हुई है। अगर यह संघर्ष बड़े पैमाने पर हुआ, तो इसका प्रभाव सिर्फ इस क्षेत्र पर नहीं, बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा।
इजरायल की आर्थिक ताकत
वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में इजरायल की जीडीपी 509.90 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी, और यह वर्ष के अंत तक 535 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इजरायल की अर्थव्यवस्था की वैश्विक हिस्सेदारी 0.48 प्रतिशत है।
इजरायल की जीडीपी के महत्वपूर्ण घटकों में कृषि, निर्माण, परिवहन और उपयोगिताएं शामिल हैं। इसके अलावा, इजरायल अपनी तकनीक और हथियारों के लिए भी विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। इजरायल की तकनीकी कंपनियां, जैसे ऑटिक्स, चिकित्सा, बायोटेक्नोलॉजी, और कंप्यूटर विज्ञान, इनोवेटिव उत्पादों के लिए जानी जाती हैं, जो कि विश्व भर में मांग में हैं।
ईरान की आर्थिक स्थिति
ईरान की अर्थव्यवस्था, इजरायल की तुलना में थोड़ी कमजोर है। 2024 में ईरान की जीडीपी $388.84 बिलियन रहने का अनुमान है। ईरान की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा स्त्रोत तेल और प्राकृतिक गैस हैं। ईरान, नेचुरल गैस के भंडार में विश्व में दूसरे स्थान पर और तेल भंडार में चौथे स्थान पर है। ईरान, कई देशों को तेल और प्राकृतिक गैस का निर्यात करता है, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलती है।
इजरायल की सैन्य स्थिति
ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स के अनुसार, इजरायल की सेना दुनिया की शीर्ष 20 सैन्य शक्तियों में आती है और इसका स्थान 17वां है। इजरायल के पास एक मजबूत सैन्य तंत्र है, जिसमें सक्रिय जवानों की संख्या 169,500 है। इसके अलावा, इजरायल के पास 465,000 रिजर्व फोर्स और 8,000 अर्धसैनिक बल भी हैं।
ईरान की सैन्य ताकत
दूसरी ओर, ईरान की आर्म्ड फोर्सेस (Islamic Revolutionary Guards Corps) मध्य पूर्व में सबसे बड़ी सेना मानी जाती है। इसमें लगभग 580,000 सक्रिय जवान और करीब 200,000 रिजर्व फोर्स हैं। यह संख्या ईरान को सैन्य शक्ति के मामले में इजरायल से आगे रखती है।
वैश्विक स्थिरता पर खतरा
यदि इजरायल और ईरान के बीच युद्ध छिड़ता है, तो यह न केवल मीडिल ईस्ट की स्थिरता को प्रभावित करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। युद्ध से होने वाली आर्थिक क्षति, विशेषकर तेल की कीमतों में उछाल, पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकती है।
युद्ध का आर्थिक पहलू
दोनों देश जानते हैं कि युद्ध में बड़ी आर्थिक क्षति होगी। ईरान का मुख्य आय स्रोत तेल है, जबकि इजरायल तकनीक और हथियारों के लिए जाना जाता है। दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं जंग के प्रभाव से प्रभावित होंगी।