UTTARAKHAND:नैनीताल बन रहा है पर्यटकों की पहली पसंद, 12 लाख 90 हजार पर्यटक पहुंचे
कुमाऊं क्षेत्र, विशेष रूप से नैनीताल, इस वर्ष एक बार फिर पर्यटकों की पहली पसंद बनता दिख रहा है। पर्यटन विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में नैनीताल में लगभग 13 लाख पर्यटकों के आने की संभावना है। यह आंकड़ा न केवल नैनीताल की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है, बल्कि कुमाऊं क्षेत्र की पर्यटन संभावनाओं को भी उजागर करता है।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
हाल ही में जारी की गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि नैनीताल में पिछले साल 12 लाख 90 हजार पर्यटक पहुंचे। यह संख्या इस बात का संकेत है कि नैनीताल की सुंदरता और सुविधाओं के कारण लोग यहां लगातार आकर्षित हो रहे हैं। कुमाऊं क्षेत्र के कारोबारी भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि नैनीताल में पेइंग पर्यटकों की संख्या गढ़वाल क्षेत्र की तुलना में अधिक है।
कारोबारी दृष्टिकोण
स्थानीय कारोबारी इस प्रवृत्ति से बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि नैनीताल में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि से न केवल पर्यटन उद्योग को मजबूती मिली है, बल्कि इससे स्थानीय व्यवसायों को भी लाभ हो रहा है। स्थानीय होटल, रेस्तरां और शॉपिंग सेंटर इस बढ़ती संख्या से अधिक लाभ कमा रहे हैं। नैनीताल में पर्यटन आधारित व्यवसायों ने स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।
पर्यटकों का अनुभव
नैनीताल में आने वाले पर्यटकों का अनुभव अद्वितीय होता है। प्राकृतिक सुंदरता, झीलों, पहाड़ों और ठंडी जलवायु के साथ-साथ यहां की सांस्कृतिक धरोहर भी पर्यटकों को आकर्षित करती है। पर्यटक नैनी झील में नौका विहार, तिखरी के अद्भुत दृश्यों का आनंद लेते हैं, और स्थानीय बाजारों में शॉपिंग करने का मजा लेते हैं। यहाँ के पर्यटन स्थलों में नैनीताल का चर्च, स्नो व्यू पॉइंट, और टिफिन टॉप जैसे स्थल प्रमुख हैं।
सरकारी प्रयास और योजनाएं
सरकार भी कुमाऊं में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर रही है। पर्यटन विभाग ने नए आकर्षण स्थलों को विकसित करने और पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं। इसके तहत नई ट्रैकिंग रूट, कैंपिंग स्थल और एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए कार्य किए जा रहे हैं।
चुनौतियां और समाधान
हालांकि, बढ़ते पर्यटन के साथ कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ रही हैं। भीड़-भाड़ के कारण नैनीताल की मूल धरोहर और प्राकृतिक वातावरण पर दबाव बढ़ रहा है। इसके समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और उचित ट्रैफिक प्रबंधन जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।