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UP : साईं बाबा की 14 मूर्तियों को गंगा में बहाने के आरोप में ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष गिरफ्तार

वाराणसी में धार्मिक आस्था के प्रतीक साईं बाबा की मूर्तियों को उखाड़कर गंगा में बहाने का दावा करने वाले ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार को उन्हें हिरासत में लिया गया, जिससे स्थानीय समाज में तीव्र प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली हैं।

यह मामला तब शुरू हुआ जब अजय शर्मा ने एक सार्वजनिक बयान में कहा कि वाराणसी के 14 मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियाँ उखाड़कर गंगा में बहाई जाएंगी। उनके इस बयान ने न केवल धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाई, बल्कि इसे व्यापक रूप से विवादित और आपत्तिजनक माना गया।

धार्मिक आस्था पर हमला?

साईं बाबा, जिन्हें अनेक भक्तों द्वारा पूजनीय माना जाता है, की पूजा भारत के विभिन्न हिस्सों में बड़े श्रद्धा के साथ की जाती है। उनके प्रति भक्ति और सम्मान की भावना देशभर में फैली हुई है। अजय शर्मा का यह कदम न केवल साईं बाबा के भक्तों के लिए, बल्कि सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए एक चुनौती बन गया है।

अजय शर्मा का कहना था कि उन्होंने यह कदम हिन्दू धर्म की आस्था को सुदृढ़ करने के लिए उठाया था, लेकिन उनके इस तर्क ने विवाद को और बढ़ा दिया। इसके परिणामस्वरूप, उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने अजय शर्मा को हिरासत में लेते ही उन्हें पूछताछ के लिए स्थानीय थाने ले जाया गया। अधिकारियों का कहना है कि उनके खिलाफ धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही, पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया है, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।

वाराणसी के पुलिस अधीक्षक ने कहा, “हम किसी भी तरह की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की अनुमति नहीं देंगे। इस मामले में उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

क्षेत्र में धार्मिक तनाव

इस घटना के बाद से वाराणसी में धार्मिक तनाव बढ़ गया है। साईं बाबा के भक्तों ने विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन किए और अजय शर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उनके समर्थकों ने भी इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस प्रकार के बयानों से सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है। वाराणसी, जिसे विश्व धरोहर स्थल माना जाता है, धार्मिक सहिष्णुता का एक प्रमुख उदाहरण है। ऐसे में किसी भी तरह का विवाद यहाँ के शांतिपूर्ण माहौल को प्रभावित कर सकता है।

साईं बाबा की भूमिका

साईं बाबा की शिक्षाएँ समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देती हैं। उन्होंने कभी भी किसी विशेष धर्म को प्राथमिकता नहीं दी, बल्कि सभी मानवता की भलाई की बात की। इस संदर्भ में, अजय शर्मा का बयान समाज के उस मूल सिद्धांत को चुनौती देता है जो साईं बाबा ने स्थापित किया था।

भक्तों का मानना है कि साईं बाबा सभी के लिए समान हैं और उनकी मूर्तियों का अपमान किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। इस परिप्रेक्ष्य में, वाराणसी के विभिन्न धार्मिक संगठनों ने एकजुट होकर साईं बाबा की मूर्तियों की रक्षा करने का संकल्प लिया है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस विवाद पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। कई स्थानीय नेताओं ने अजय शर्मा के बयान की निंदा की और कहा कि ऐसे बयान समाज में कट्टरता और विभाजन को बढ़ावा देते हैं। नेताओं ने यह भी कहा कि हर किसी को अपनी धार्मिक आस्था का सम्मान करना चाहिए और समाज में सहिष्णुता बनाए रखनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वे स्थिति को नियंत्रण में रखें और किसी भी तरह के विवाद से बचें।

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