Uttarakhand

UTTARAKHAND : 1064 विजिलेंस का एक महत्वपूर्ण हथियार , 32 सरकारी कर्मचारी घूस मांगने के आरोप में गिरफ्तार

भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने के लिए स्थापित डायल 1064 अब विजिलेंस का एक महत्वपूर्ण हथियार बन गया है। इस वर्ष विजिलेंस ने रिकॉर्ड 32 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को घूस मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है, जो पिछले पूरे वर्ष की तुलना में दोगुना से भी अधिक है। यह गिरफ्तारी संख्या पिछले ढाई वर्षों में हुई कुल ट्रैप का आधे से भी अधिक है।

डायल 1064: भ्रष्टाचार की खिलाफत का नया हथियार

डायल 1064 पर अब तक भ्रष्टाचार से संबंधित 1100 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें से कुछ शिकायतों पर कार्रवाई की जा चुकी है, जबकि कई शिकायतें शासन से हां-ना का इंतजार कर रही हैं। हाल के दिनों में गढ़वाल परिक्षेत्र में दो सरकारी अधिकारियों को रिश्वत के साथ पकड़ा गया है, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि विजिलेंस अब भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है।

गिरफ्तारियों का ब्योरा

विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की गिरफ्तारियां इस प्रकार हैं:

  • पुलिस: 5
  • परिवहन विभाग: 3
  • राजस्व विभाग: 5
  • शिक्षा विभाग: 3
  • विद्युत विभाग: 5
  • राज्य कर विभाग: 1
  • आबकारी विभाग: 2
  • खेल विभाग: 1
  • वन विभाग: 1
  • शहरी विकास विभाग: 1
  • लघु सिंचाई विभाग: 1
  • पंचायती राज विभाग: 1
  • आवास विकास विभाग: 1
  • औद्योगिक विभाग: 1
  • खाद्य आपूर्ति विभाग: 1
  • लोनिवि: 1

कार्रवाई की महत्वपूर्ण घटनाएं

विजिलेंस द्वारा की गई कुछ प्रमुख गिरफ्तारियों में शामिल हैं:

  • 25 अप्रैल: उधमसिंहनगर के खाद्य आपूर्ति विभाग के विपणन अधिकारी मोहन सिंह टोलिया को 50 हजार रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया।
  • 22 मई: नैनीताल के लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को 50 हजार रुपये की रिश्वत के साथ पकड़ा गया।
  • 25 जून: सहायक आयुक्त कर शशिकांत दुबे को 75 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
  • 2 जुलाई: ऊधमसिंहनगर के जिला आबकारी अधिकारी को 70 हजार रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया।
  • हरिद्वार: खंड शिक्षा अधिकारी अयाजुद्दीन को 10 हजार रुपये की रिश्वत के साथ पकड़ा गया।

शिकायतों का लंबा इंतजार

हालांकि, विजिलेंस को मिलने वाली कुछ शिकायतें अभी भी शासन की हां या ना का इंतजार कर रही हैं। इस प्रक्रिया में विजिलेंस ने नौ मामलों को अभियोजन की स्वीकृति के लिए शासन को भेजा है। इसके अतिरिक्त, एक एफआईआर और खुली जांच के नौ प्रकरण शासन स्तर पर लंबित हैं। वर्तमान में, 13 मामलों में अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ खुली जांच चल रही है।

विजिलेंस की सक्रियता और प्रतिबद्धता

डायल 1064 के माध्यम से विजिलेंस को मिली मजबूती से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आई है। विजिलेंस इस माध्यम से आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लेकर उचित कार्रवाई कर रही है। विजिलेंस के निदेशक, डॉ. वी मुरुगेशन ने कहा, “अब तक 25 ट्रैप किए जा चुके हैं। इसके अलावा अन्य प्रकरणों में भी विजिलेंस हर पहलू की जांच कर रही है।”

भविष्य की योजनाएं

भविष्य में, विजिलेंस ने और अधिक सक्रियता के साथ काम करने का संकल्प लिया है। उनका उद्देश्य है कि अधिक से अधिक शिकायतों का समाधान हो सके और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाया जा सके। साथ ही, जन जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर आवाज उठा सकें।

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