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PUNJAB NEWS : लुधियाना में आम आदमी पार्टी के सांसद संजीव अरोड़ा के घर ईडी की छापेमारी

लुधियाना में आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की। साथ ही, ईडी की टीम ने फाइनेंसर हेमंत सूद के ठिकानों पर भी दबिश दी। इस कार्रवाई के पीछे अनाज माल ढुलाई मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु का नाम आने के बाद हुई जांच का संदर्भ है।

जांच की पृष्ठभूमि

जांच के दौरान, ईडी की टीमों ने सुबह के समय चंडीगढ़ रोड स्थित हैम्पटन होम्स में हेमंत सूद के घर पर पहुंचकर तलाशी अभियान शुरू किया। जानकारी के अनुसार, ईडी ने संजीव अरोड़ा के आवास के साथ-साथ उनके कुछ करीबी व्यापारिक साझेदारों के घरों पर भी छापेमारी की। ईडी अधिकारियों ने कई दस्तावेजों को जब्त किया और कंप्यूटर में फीड डाटा की भी जांच की जा रही है।

विदेशी लेन-देन की आशंका

जांच के संबंध में सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ईडी को इस मामले में विदेशी लेन-देन की भी आशंका है। यह मामला तब सामने आया जब भारत भूषण आशु का नाम अनाज माल ढुलाई मामले में आया, जिसके बाद हेमंत सूद पर कार्रवाई की गई।

आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया

आम आदमी पार्टी ने ईडी की इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “आज फिर मोदीजी ने अपने तोता मैना को खुला छोड़ दिया है। आज सुबह से आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजीव अरोड़ा जी के घर ईडी वाले रेड कर रहे हैं।”

संजीव अरोड़ा का बयान

इस मामले पर संजीव अरोड़ा ने कहा कि वे एक कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं। उन्होंने ईडी के साथ पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया और कहा, “तलाशी अभियान के कारण के बारे में निश्चित नहीं हूं, लेकिन मैं सुनिश्चित करूंगा कि उनके सभी प्रश्नों का उत्तर दिया जाए।”

पार्टी की चिंताएँ

आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं ने भी ईडी की कार्रवाई को लेकर चिंता जताई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब के मंत्री संजीव अरोड़ा ने कहा, “पिछले दो सालों में, अरविंद केजरीवाल के घर, मेरे घर, संजय सिंह के घर, और सत्येंद्र जैन के घर रेड की गई है। लेकिन कहीं भी कुछ नहीं मिला। मोदीजी की एजेंसियां एक के बाद एक फ़र्ज़ी केस बनाने में लगी हुई हैं। आम आदमी पार्टी को तोड़ने के लिए यह लोग किसी भी हद तक जाएंगे।”

राजनीतिक पृष्ठभूमि

आम आदमी पार्टी की स्थापना 2012 में हुई थी और इसने दिल्ली में सत्ता हासिल करने के बाद पंजाब और अन्य राज्यों में भी अपनी स्थिति मजबूत की है। पार्टी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को अपने एजेंडे का हिस्सा बनाया है, और इसी कारण से कई बार इसे केंद्र सरकार और विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ निशाना बनाया गया है।

पिछले विवाद

पिछले कुछ वर्षों में, आम आदमी पार्टी के कई नेताओं को जांच एजेंसियों का सामना करना पड़ा है। यह छापेमारी और जांचें तब से चल रही हैं जब से पार्टी ने दिल्ली और पंजाब में महत्वपूर्ण राजनीतिक उपस्थिति दर्ज की है। पार्टी का आरोप है कि केंद्र सरकार उनके खिलाफ राजनीतिक द्वेष के तहत कार्रवाई कर रही है।

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