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UP: बूढ़े को जवान बनाने की मशीन फिर 35 करोड़ रुपये की ठगी, PM MODI का नाम लेकर लोगों को दिया धोखा:जानिए पूरा मामला

Kanpur News : एक जालसाज दंपती ने बुजुर्गों को जवान करने का झांसा देकर 35 करोड़ रुपये की ठगी की। फरार आरोपी राजीव और उसकी पत्नी रश्मि ने अपने शिकार बनाए लोगों को यह विश्वास दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम इस्तेमाल किया कि वे ऑक्सीजन थेरेपी के माध्यम से स्वस्थ और तंदुरुस्त हैं। पीड़ितों ने जांच कर रही एसआईटी के सामने अपने बयान दर्ज कराते हुए बताया कि दंपती ने अपने प्रेजेंटेशन में कहा कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी और कई फिल्मी सितारे विदेश जाकर इस थेरेपी का लाभ उठाते हैं।

ठगी की विधि

रेडीमेड कपड़ा कारोबारी की पत्नी ममता ने पुलिस को बताया कि दंपती जिम में आने वाले लोगों से सवाल करते थे कि प्रधानमंत्री मोदी इतनी ऊर्जा कैसे रखते हैं। वे खुद ही जवाब देते थे कि इसका राज इस्राइली टाइम मशीन में है, जो लोगों को जवान दिखाती है। उनके प्रेजेंटेशन की गुणवत्ता इतनी बेहतरीन थी कि लोग फर्जी और असली में अंतर नहीं कर पाए।

ठगों का दावा

एक पीड़िता ने बताया कि ठगों ने कहा कि यह थेरेपी बहुत महंगी है और अब तक केवल विदेशों में उपलब्ध थी। लेकिन अब यह मशीन कानपुर में उपलब्ध है, जिससे स्थानीय लोग लाभ उठा सकते हैं। ठगों ने लोगों को यह विश्वास दिलाने के लिए अन्य सिलेब्रिटीज जैसे अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान का भी हवाला दिया।

मामले का खुलासा

यह मामला सामने आने के 16 दिन में 20 पीड़ितों के शिकायती पत्र पुलिस को मिल चुके हैं। हालांकि, कई लोग समाज में बदनामी के डर से पुलिस के सामने नहीं आ रहे हैं। जांच जारी है, और पीड़ितों से लगातार बयान लिए जा रहे हैं।

नेटवर्क मार्केटिंग का झांसा

सूत्रों के अनुसार, यह दंपती जिम चलाते हुए नेटवर्क मार्केटिंग के जरिये 1000 से अधिक लोगों को जोड़ने में सफल रहे। कई लोगों का इस्राइल की मशीन से इलाज किया गया, जिसके चलते कई मामलों में लोगों के चेहरे जल गए और सफेद निशान पड़ गए।

असली मशीन का सच

जिस मशीन को दंपती ने इस्राइली बताया, वह वास्तव में केवल 2.5 लाख रुपये के कबाड़ से बनी थी, जबकि उन्होंने इसे 25 करोड़ रुपये का बताया। राजीव दुबे ने कुछ महीने पहले एक योजना प्रस्तुत की थी, जिसमें बताया गया था कि इस्राइल के वैज्ञानिकों ने 64 साल से ऊपर के लोगों के लिए एक रिसर्च की है। उन्होंने दावा किया कि 35 लोगों को एक प्रेशराइज चैंबर में शुद्ध ऑक्सीजन दी जाती थी, और इसी तरह लोगों को ठगा गया।

योजनाएँ और स्कीमें

ठगों ने लोगों को फंसाने के लिए दो योजनाएँ तैयार की थीं:

पहली योजना: 6,000 रुपये

इसमें एक ग्राहक को 10 बार ऑक्सीजन थेरेपी दी जा रही थी, जिसमें 1 एचवाट (थेरेपी) और 1 हाइड्रा (फेशियल) शामिल था।

दूसरी योजना: 90,000 रुपये

इसमें 1 ग्राहक को 10 बार ऑक्सीजन थेरेपी, 60 एचवाट (थेरेपी) और 3 हाइड्रा (फेशियल) दी जाती थी।

कमीशन का जाल

दंपती ने नेटवर्क मार्केटिंग प्लान में यह दावा किया कि 1 साल बाद 90,000 रुपये की स्कीम 3 लाख रुपये की हो जाएगी। यदि कोई व्यक्ति पूरी थेरेपी नहीं लेता, तो उन्हें 1 साल बाद एडवांस का पूरा पैसा वापस किया जाएगा। नेटवर्क मार्केटिंग के तहत जोड़ने वालों को पहले व्यक्ति पर 10 प्रतिशत, दूसरे पर 5 प्रतिशत, और इसी तरह कमीशन देने का वादा किया गया।

पीड़ितों की प्रतिक्रियाएँ

पीड़ित प्रकाश यादव ने बताया कि वह सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखकर ठगी का शिकार बने। कई अन्य पीड़ितों ने कहा कि दंपती ने लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए अखबारों की कटिंग और वीडियो का उपयोग किया। तीन घंटे की मोटिवेशनल क्लास भी आयोजित की जाती थी, जिससे लोगों को और अधिक प्रभावित किया जाता था।

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