Haryana Election 2024: पहलवान विनेश फोगाट ने जींद में जीत का परचम लहराया
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में भारत की पूर्व दिग्गज महिला पहलवान विनेश फोगाट ने राजनीति में कदम रखते ही अपनी ताकत का अहसास कराया है। कांग्रेस ने उन्हें जींद जिले की जुलाना सीट से चुनावी मैदान में उतारा था, और उनके साथ पहलवान बजरंग पूनिया ने इस जीत का जश्न मनाया है। चुनावी नतीजों के अनुसार, विनेश फोगाट ने अपने विरोधियों को पीछे छोड़ते हुए करीब चार हजार वोटों से बढ़त बनाई है।
बजरंग पूनिया की बधाई और समर्थन
बजरंग पूनिया, जो स्वयं एक सफल पहलवान हैं, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विनेश को बधाई देते हुए कहा कि यह जीत सिर्फ एक सीट की नहीं थी, बल्कि यह दमनकारी शक्तियों के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई थी। उन्होंने लिखा, “देश की बेटी विनेश फोगाट को जीत की बहुत बधाई। यह लड़ाई केवल जुलाना सीट की नहीं थी, बल्कि यह देश की सबसे मजबूत दमनकारी शक्तियों के खिलाफ थी।”
विनेश की जीत ने न केवल उनकी राजनीतिक क्षमता को साबित किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि भारतीय खेलों में भी महिला पहलवानों की पहचान बढ़ती जा रही है।
विपक्षी पार्टियों का संघर्ष
विनेश फोगाट के मुकाबले बीजेपी के योगेश कुमार और आम आदमी पार्टी की कविता रानी भी चुनावी मैदान में थीं। कविता रानी, जो WWE की पहलवान रह चुकी हैं, ने इस सीट पर अपनी दावेदारी पेश की थी। चुनावी नतीजों में विनेश ने स्पष्ट बढ़त बना ली, जिससे उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
विनेश की ओलंपिक यात्रा में झटका
हालांकि, विनेश की यह राजनीतिक जीत उनकी ओलंपिक यात्रा के निराशाजनक अनुभव के बाद आई है। 2024 के पेरिस ओलंपिक में, विनेश ने महिला 50 किलोग्राम भार वर्ग में फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन अंतिम मुकाबले से पहले उनका वजन 100 ग्राम बढ़ गया, जिसके चलते उन्हें डिस्क्वालीफाई कर दिया गया। इस घटना ने न केवल उन्हें, बल्कि पूरे देश को निराश किया।
महिला पहलवानों की राजनीति में उपस्थिति
विनेश की सफलता इस बात का संकेत है कि महिला पहलवान अब केवल खेल के मैदान में ही नहीं, बल्कि राजनीति के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना रही हैं। यह राजनीतिक पहल न केवल उनके लिए, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत है। विनेश की जीत यह दर्शाती है कि खेल की दुनिया में पाई जाने वाली बाधाएं अब उन्हें रोक नहीं सकतीं।
विनेश फोगाट की यह जीत न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने दिखा दिया है कि खेल, राजनीति, और समाज में एक महिला कितनी मजबूत बन सकती है। उनके इस कदम ने अन्य महिला खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया है कि वे भी अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं और अपने सपनों को पूरा करें।