Uttarakhand: वायुसेना के इतिहास की सबसे बड़ी कार रैली,लेह श्रीनगर सियाचीन होते हुए पहुंचेगी देहरादून
14 अक्तूबर को भारतीय वायुसेना और उत्तराखंड युद्ध स्मारक के नेतृत्व में एक विशेष कार रैली देहरादून पहुंचेगी। यह रैली 7000 किमी की दूरी तय करते हुए सियाचिन, लेह और श्रीनगर के लाल चौक से होते हुए अपने गंतव्य तक पहुंचेगी। इस ऐतिहासिक आयोजन का मार्गदर्शन पूर्व राज्यसभा सांसद और उत्तराखंड युद्ध स्मारक के अध्यक्ष तरुण विजय और विंग कमांडर विजय प्रकाश भट्ट कर रहे हैं।
रैली का महत्व और भागीदारी
इस रैली में भारतीय वायुसेना के 32 अधिकारी शामिल होंगे, जिनमें भारतीय सेना की दो महिला अधिकारी, लेफ्टिनेंट कर्नल अश्वनी और मेजर स्वाति भी शामिल हैं। तरुण विजय ने कहा, “यह वायुसेना के इतिहास की सबसे बड़ी कार रैली है,” जो कि न केवल सेना के साहस और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि यह देशभक्ति की भावना को भी प्रोत्साहित करती है।
यात्रा की शुरुआत और विशेष आयोजनों की योजना
रैली का पहला चरण सियाचिन से शुरू होकर मंगलवार को लेह पहुंचेगा, जहां उपराज्यपाल रैली का स्वागत करेंगे और श्रीनगर के लिए रवाना करेंगे। श्रीनगर में, लाल चौक पर राष्ट्रगान गाया जाएगा, जो इस रैली की महत्ता को और बढ़ाएगा। इसके बाद, रैली जम्मू होते हुए देहरादून में प्रवेश करेगी, जहां सहसपुर में विधायक सहदेव सिंह पुंडीर उनका स्वागत करेंगे।
स्थानीय समुदाय और संगठनों का सहयोग
15 अक्तूबर को, युद्ध स्मारक में स्थानीय सैनिक संगठन, उत्तराखंड के प्रमुख नेता और छात्र रैली का स्वागत करेंगे। इस दौरान, दिल्ली से आए वायुसेना के विशेष बैंड द्वारा शहीदों की स्मृति में प्रस्तुति दी जाएगी, जो इस आयोजन को और भी खास बनाएगी।
आगे की यात्रा और अगले चरण
रैली 16 अक्तूबर की सुबह आगरा और लखनऊ होते हुए गुवाहाटी और तवांग के लिए रवाना होगी। इस यात्रा में वायुसेना के अखिल भारतीय एडवेंचर सेल के इंचार्ज और देहरादून निवासी ग्रुप कैप्टन नमित रावत भी शामिल होंगे। यह रैली न केवल एक साहसिक यात्रा है, बल्कि यह भारतीय सेना और वायुसेना की एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है।
देशभक्ति की भावना को बढ़ावा
इस रैली का उद्देश्य न केवल सैन्य बलों की शक्ति और साहस को प्रदर्शित करना है, बल्कि यह भी है कि समाज में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देना। यह आयोजन विभिन्न वर्गों के लोगों को एक साथ लाने और उन्हें सेना के प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
युवाओं के लिए प्रेरणा
इस रैली में शामिल होने वाले युवा और छात्र इसे एक प्रेरणादायक अवसर के रूप में देख रहे हैं। रैली के माध्यम से उन्हें यह समझ में आता है कि देश की सेवा और सुरक्षा के लिए किस प्रकार की प्रतिबद्धता और बलिदान की आवश्यकता होती है। यह युवा पीढ़ी के लिए एक अद्वितीय अनुभव होगा जो उन्हें अपने देश के प्रति गर्व महसूस कराने में मदद करेगा।
सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
इस रैली के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें स्थानीय संगीत, नृत्य और परंपराएं शामिल होंगी। यह न केवल एक सैन्य रैली है, बल्कि यह विभिन्न सांस्कृतिक धरोहरों और एकता का भी प्रतीक है। विभिन्न समुदायों के लोग एक साथ आकर अपने सैनिकों को सम्मान देंगे, जो कि एक महत्वपूर्ण संदेश है।।