बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने भोग और प्रसाद की गुणवत्ता के लिए एसओपी की जारी
बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के साथ-साथ अन्य मंदिरों में भोग और प्रसाद की गुणवत्ता और शुद्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। इस एसओपी में भोग प्रसाद तैयार करने, खाद्य सामग्री के उपयोग, भंडारण और निगरानी के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश शामिल हैं।
खाद्य सुरक्षा ऑडिट का नया नियम
बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने कहा कि इस एसओपी का मुख्य उद्देश्य भोग और प्रसाद की गुणवत्ता को उच्चतम मानकों पर रखना है। तिरुपति मंदिर में प्रसाद में देसी घी के लड्डू में मिलावट का मामला सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है। अब, साल में कम से कम एक बार भोग प्रसाद की फूड सेफ्टी ऑडिट कराई जाएगी, जिससे खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की जांच की जा सकेगी।
सामग्री की गुणवत्ता की निगरानी
इस नई एसओपी के अंतर्गत भोग और प्रसाद में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे चावल, तेल, घी, मसाले, और केसर की जांच की जाएगी। इसके साथ ही, इन सामग्रियों को केवल विश्वसनीय व्यापारी से खरीदने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके अलावा, भोग और प्रसाद तैयार करने के लिए इस्तेमाल होने वाले तेल का उपयोग अधिकतम तीन बार से ज्यादा नहीं किया जा सकेगा।
स्वच्छता पर विशेष ध्यान
भोग और प्रसाद तैयार करने वाले कर्मचारियों को स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई है। खाद्य सामग्री को लंबे समय तक स्टॉक में न रखा जाए, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। नियमित निगरानी के साथ, गुणवत्ता और शुद्धता की जांच के लिए एक निश्चित प्रक्रिया स्थापित की गई है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण का सहयोग
भोग और प्रसाद के फूड सेफ्टी ऑडिट में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की ओर से अधिकृत प्रयोगशालाओं में खाद्य सामग्री की जांच कराई जाएगी। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करेगी कि सभी खाद्य उत्पाद सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता के हों।
सामुदायिक आस्था और विश्वास
इस कदम का उद्देश्य न केवल प्रसाद की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना है, बल्कि श्रद्धालुओं के बीच विश्वास को भी बढ़ाना है। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम जैसे पवित्र स्थलों पर श्रद्धालुओं की संख्या हर साल बढ़ती है, और यह आवश्यक है कि उन्हें सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण भोग प्रसाद मिले।