Uttarakhand

UTTARAKHAND : हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद

हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। बर्फबारी के बीच, दोपहर 12 बजे अंतिम अरदास का आयोजन किया गया। इसके बाद, दरबार साहिब से पंच प्यारों की अगुवाई में गुरुग्रंथ साहिब को सचखंड में सोवित किया गया।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़

दोपहर एक बजे, कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस विशेष अवसर पर पुणे के सुरिंदरपाल सिंह और उनके जत्थे ने दरबार साहिब में वर्ष का अंतिम कीर्तन किया। गढ़वाल स्काउट और पंजाब के बैंड ने इस अवसर को और भी भव्य बना दिया। गुरुद्वारा के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि कपाट बंद होने के दौरान 2,500 से अधिक श्रद्धालु मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस साल, दो लाख 37 हजार श्रद्धालु हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर पहुंचे।

शीतकालीन बंद होने की परंपरा

शीतकालीन बंद होने की परंपरा सदियों पुरानी है। हर साल, जैसे-जैसे मौसम बदलता है और बर्फबारी का दौर शुरू होता है, हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं। यह प्रक्रिया न केवल धार्मिक मान्यताओं का पालन करती है, बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है।

आयोजन की विशेषताएँ

इस वर्ष के आयोजन में कई खासियतें थीं। पहले, श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि ने इस साल की विशेषता को और भी बढ़ा दिया। इसके अलावा, पुणे के जत्थे का अंतिम कीर्तन एक यादगार पल बना। स्थानीय बैंड और स्काउट ने भी इस अवसर पर अपनी भागीदारी दी, जिससे वातावरण भक्ति से भर गया।

सुरक्षा और प्रबंध

गुरुद्वारे के प्रबंधन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए उचित इंतजाम किए थे। बर्फबारी के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्था की गई थी। सरदार सेवा सिंह ने कहा, “हमने सुनिश्चित किया कि सभी श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई न हो और वे अपनी भक्ति भाव से इस अवसर का आनंद ले सकें।”

आगामी वर्ष का स्वागत

कपाट बंद होने के बाद, हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर अब शीतकालीन विश्राम में चले गए हैं। श्रद्धालुओं को अगले वर्ष फिर से दर्शन का अवसर मिलेगा। प्रबंधन ने कहा कि वे अगले वर्ष श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए पूरी तैयारी करेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button