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चौंकाने वाली खबर बांग्लादेश के मां काली मंदिर से चोरी हुआ PM MODI द्वारा भेंट किया गया मुकुट

बांग्लादेश के सतखीरा में स्थित जेशोरेश्वरी मंदिर, जो मां काली का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, धार्मिक मान्यता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। यह मंदिर हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, जो भक्तों के लिए अत्यधिक श्रद्धा का केंद्र है। यहां भक्त जन पूजा अर्चना के लिए दूर-दूर से आते हैं, और मंदिर का हर हिस्सा धार्मिक आस्था से भरा होता है।

साल 2021 में, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश का दौरा किया, तो उन्होंने जेशोरेश्वरी मंदिर का भी दौरा किया था। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने मंदिर में मां काली के सिर की मूर्ति पर एक विशेष मुकुट चढ़ाया था, जो चांदी से बना और सोने की परत चढ़ी हुई थी। यह मुकुट न केवल मंदिर की धरोहर का हिस्सा था, बल्कि भारतीय-बांग्लादेशी संबंधों का प्रतीक भी था।

चोरी की घटना: पुलिस की कार्रवाई

हाल ही में एक चौंकाने वाली खबर आई है कि पीएम मोदी द्वारा भेंट किया गया यह मुकुट मंदिर से चोरी हो गया है। गुरुवार दोपहर को हुई इस चोरी की घटना ने भक्तों और स्थानीय लोगों में हड़कंप मचा दिया। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वे चोर की पहचान के लिए मंदिर के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं। यह घटना मंदिर की सुरक्षा और उसकी धार्मिक महत्वता को लेकर गंभीर सवाल उठाती है।

मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था

जेशोरेश्वरी मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। मंदिर के इतिहास में यह पहली बार है जब इस तरह की चोरी की घटना हुई है। ज्योति चट्टोपाध्याय, जो इस मंदिर की देखभाल करने वाले परिवार के सदस्य हैं, ने बताया कि यह मुकुट भक्तों के लिए सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखता है। उनका कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं मंदिर की पवित्रता को चुनौती देती हैं।

जेशोरेश्वरी मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

जेशोरेश्वरी मंदिर का इतिहास 12वीं शताब्दी के उत्तरार्ध से शुरू होता है। कहा जाता है कि अनारी नामक एक ब्राह्मण ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। बाद में, 13वीं शताब्दी में लक्ष्मण सेन ने इसका जीर्णोद्धार करवाया, और अंततः राजा प्रतापादित्य ने 16वीं शताब्दी में मंदिर का पुनर्निर्माण किया। इस प्रकार, मंदिर की ऐतिहासिक यात्रा भारत और बांग्लादेश के सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान यह भी कहा था कि भारत जेशोरेश्वरी मंदिर में एक बहुउद्देशीय सामुदायिक हॉल का निर्माण कराएगा। यह हॉल स्थानीय लोगों के लिए सामाजिक, धार्मिक और शैक्षिक आयोजनों के लिए उपयोगी होगा और आपदाओं के समय आश्रय का काम भी करेगा। यह वादा मंदिर के प्रति भारत की निष्ठा को दर्शाता है।

भक्तों की प्रतिक्रिया

मंदिर से मुकुट चोरी होने की खबर सुनकर भक्तों में निराशा और आक्रोश की भावना है। भक्तों का मानना है कि इस प्रकार की घटनाएं उनकी धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाती हैं। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व

जेशोरेश्वरी मंदिर का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व केवल बांग्लादेश तक सीमित नहीं है; यह भारतीय संस्कृति का भी हिस्सा है। यहां श्रद्धालु मां काली की पूजा करते हैं और मंदिर परिसर में धार्मिक आयोजन होते हैं। मुकुट की चोरी ने इस पवित्र स्थान के प्रति लोगों की आस्था को और गहरा कर दिया है।

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