Cyber Attack In Uttarakhand: डाटा सेंटर और वेबसाइटों का ऑडिट न होने से बढ़ी चिंता,आईटी विभाग का सख्त रुख
प्रदेश के एकमात्र डाटा सेंटर और कई सरकारी वेबसाइटों का सुरक्षा ऑडिट न किए जाने की जानकारी के बाद साइबर सुरक्षा की चिंताएँ बढ़ गई हैं। हाल ही में एक साइबर हमले के बाद जब इसकी जांच की गई, तो यह गंभीर तथ्य सामने आया। अब राज्य का सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग इस मामले को लेकर सख्त रुख अपना चुका है और बिना सुरक्षा ऑडिट के किसी भी वेबसाइट को संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
डाटा सेंटर की स्थिति
सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) में स्थापित स्टेट डाटा सेंटर, प्रदेश की महत्वपूर्ण वेबसाइटों जैसे आईएफएमएस (इंटीग्रेटेड फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम) और सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम) के डाटा को सुरक्षित रखता है। नियमों के अनुसार, साइबर हमलों से निपटने के लिए हर तीन माह में डाटा सेंटर का सुरक्षा ऑडिट होना अनिवार्य है। लेकिन पिछले दो वर्षों में इस सेंटर का सुरक्षा ऑडिट नहीं किया गया, जो एक गंभीर लापरवाही का संकेत है।
वेबसाइटों की सुरक्षा का खतरा
इसके अलावा, सरकारी विभागों की 90 से अधिक वेबसाइटें आईटीडीए के डाटा सेंटर से जुड़ी हुई हैं। साइबर हमले के बाद हुई जांच में यह भी पता चला कि इनमें से अधिकांश विभागों की वेबसाइटों का सुरक्षा ऑडिट नहीं किया गया है। नियमों के अनुसार, हर साल ऑडिट होना चाहिए ताकि वेबसाइट को साइबर हमलों के खिलाफ सुरक्षा कवच मिल सके। कई वेबसाइटें अब पुरानी हो चुकी हैं, और इनका संचालन करना खतरे से खाली नहीं है।
बंद की जाने वाली वेबसाइटें
इस लापरवाही के चलते, आईटी विभाग ने निर्णय लिया है कि 10 ऐसी वेबसाइटों को बंद किया जाएगा जो अनुपयोगी और साइबर सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेकार हैं। इन वेबसाइटों की सुरक्षा कमजोर होने के कारण इन्हें अब चलाना खतरे से भरा हुआ है।
आईटी विभाग की नई नीतियाँ
आईटी सचिव नितेश झा ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन विभागों की वेबसाइटों का सुरक्षा ऑडिट नहीं हुआ है, उन्हें किसी भी हालत में संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आईटीडीए परिसर में निक्सी की टीम मौजूद है, जो सुरक्षा ऑडिट कराने में मदद करेगी।
बैकअप की शर्तें
इसके अलावा, सचिव ने यह भी निर्देशित किया है कि किसी भी विभाग की नई वेबसाइट को तब तक बैकअप नहीं दिया जाएगा जब तक उसका सुरक्षा ऑडिट न किया जाए। यह कदम सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए उठाया गया है।
साइबर सुरक्षा आज के डिजिटल युग में अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई है। सरकारी वेबसाइटों और डाटा सेंटरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल तकनीकी आवश्यकताओं में आता है, बल्कि यह जनता की सुरक्षा और विश्वास को भी बनाए रखने में मदद करता है। यदि सरकार अपनी वेबसाइटों और डाटा सेंटर की सुरक्षा पर ध्यान नहीं देती है, तो यह केवल सरकारी मशीनरी को ही नहीं, बल्कि आम जनता को भी जोखिम में डालता है।