Lifestyle

LIFE STYLE NEWS : हाई स्ट्रेस वर्क प्रेशर ने कर दिया है जीना हराम,, ऑफिस का एनवायरमेंट ऐसे करें सही : जानिए

हाल ही में एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत महिला की मौत ने वर्क प्रेशर के खतरनाक परिणामों को उजागर किया है। यह घटना न केवल उस महिला के लिए एक त्रासदी है, बल्कि यह उस गंभीर समस्या की ओर भी इशारा करती है जो दुनियाभर में बढ़ती जा रही है—अधिक काम के दबाव और इसके परिणामस्वरूप मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट।

वर्क लाइफ बैलेंस की आवश्यकता

दुनिया भर में ऐसी घटनाएं, जहां कर्मचारियों को अधिक टारगेट अचीव करने के लिए दबाव डाला जाता है, अब आम होती जा रही हैं। ऐसे में वर्क लाइफ बैलेंस की चर्चा और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। इसे सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि हम कार्यस्थल पर कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

कार्यस्थल पर माहौल कैसे सुधारा जाए

डॉ. जिनी के गोपीनाथ, चीफ साइकोलॉजिकल ऑफिसर ने इस विषय पर चर्चा करते हुए कहा, “कॉर्पोरेट वर्ल्ड में हाल की घटनाओं ने हमें याद दिलाया है कि वर्क प्लेस पर वेलनेस का मतलब सिर्फ पॉलिसीज और फैसिलिटीज से नहीं है, बल्कि इसका अर्थ एक ऐसे वातावरण का निर्माण करना है, जहां कर्मचारी को सपोर्ट मिले और वे मानसिक रूप से सुरक्षित महसूस करें।”

वातावरण का प्रभाव

डॉ. गोपीनाथ ने आगे बताया कि “मेंटल हेल्थ केवल एक व्यक्ति की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह उस वातावरण से भी प्रभावित होती है जिसमें हम काम करते हैं। इसमें सहकर्मी, वर्क प्लेस की पॉलिसीज और प्रैक्टिस शामिल हैं।”

छोटे कदम, बड़े बदलाव

क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. गोपीनाथ ने यह भी कहा, “मेंटल हेल्थ डे एक शक्तिशाली रिमाइंडर है कि मानसिक स्वास्थ्य को हर रोज़ प्राथमिकता दी जानी चाहिए, खासकर कार्यस्थल पर। इसकी शुरुआत छोटे व्यक्तिगत स्पेस से हो सकती है, जैसे छोटे-छोटे ब्रेक लेना, फिजिकली एक्टिव रहना, या दैनिक आधार पर माइंडफुलनेस की एक्सरसाइज करना।”

खुली बातचीत का महत्व

लेकिन असली बदलाव तब होता है जब कंपनियां खुली बातचीत के लिए सुरक्षित स्थान बनाती हैं। मानसिक स्वास्थ्य संबंधी संसाधनों तक पहुंच बढ़ाना और लीडर्स को तनाव के शुरुआती संकेत पहचानने के लिए प्रशिक्षित करना आवश्यक है।

नेतृत्व की भूमिका

डॉ. गोपीनाथ ने यह स्पष्ट किया कि “लीडरशिप की भागदारी इस तरह की पहल में ईमानदारी लाने वाला सबसे महत्वपूर्ण कदम है। जो कार्यस्थल इसे अच्छी तरह से लागू करते हैं, वे अपने कर्मचारियों के प्रबंधन का आधार वेलनेस को बनाने में सक्षम होते हैं।”

मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम

कंपनियों को मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लागू करने की आवश्यकता है। इससे न केवल कर्मचारियों को सहारा मिलेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि काम के दबाव को कम किया जाए।

कार्यस्थल पर सहानुभूति

सहानुभूति का माहौल बनाना बेहद महत्वपूर्ण है। सहकर्मियों के बीच एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति और समर्थन का माहौल बनाने से मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

कार्यप्रदर्शन और मानसिक स्वास्थ्य

एक स्वस्थ कार्य वातावरण न केवल कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि कार्यप्रदर्शन में भी सुधार करता है। जब कर्मचारी मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं, तो वे अपने काम में अधिक सक्रिय और रचनात्मक होते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button