Uttarakhand

UTTARAKHAND : भगवान मदमहेश्वर के कपाट 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद

भगवान मदमहेश्वर, जो कि उत्तराखंड में स्थित एक प्रमुख तीर्थ स्थल हैं, के कपाट 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक घटना है, जिसमें हर साल हजारों भक्त शामिल होते हैं। कपाट बंद होने के साथ ही भगवान मदमहेश्वर की डोली का यात्रा क्रम शुरू होगा, जो विभिन्न स्थानों पर जाएगी।

डोली की यात्रा का कार्यक्रम

भगवान मदमहेश्वर की डोली 21 नवंबर को रांसी, 22 नवंबर को गिरिया और 23 नवंबर को गद्दी स्थल ऊखीमठ पहुंचेगी। यह यात्रा तीर्थयात्रियों और स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखती है, क्योंकि यह केवल धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। इस दौरान, भक्तगण विभिन्न स्थानों पर पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन करेंगे।

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा

इसके साथ ही, आज दशहरा के दिन बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि भी घोषित की जाएगी। यह जानकारी श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि बदरीनाथ धाम भी उत्तराखंड के प्रमुख चार धाम में से एक है। भक्तगण इस तिथि का बेसब्री से इंतजार करते हैं, ताकि वे अपनी यात्रा की योजना बना सकें।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

उत्तराखंड में स्थित ये तीर्थ स्थल न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु न केवल अपनी आस्था के साथ आते हैं, बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति का अनुभव भी करते हैं। मदमहेश्वर और बदरीनाथ धाम जैसे स्थानों पर हर साल लाखों भक्तों की भीड़ होती है, जो अपने विश्वास और श्रद्धा के साथ यहां आते हैं।

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