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DEHRADUN :आसन रामसर साइट में प्रवासी पक्षियों की संख्या में वृद्धि, पर्यटकों के लिए तैयारी शुरू

देहरादून: आसन रामसर साइट पर प्रवासी पक्षियों की संख्या अब बढ़ने लगी है। अक्टूबर के पहले सप्ताह से ही विदेशी मेहमान इस खूबसूरत झील में उतरना शुरू कर चुके हैं, जिससे यहां पक्षियों की कलरव सुनाई देने लगी है। वन विभाग, पक्षी विशेषज्ञ और पक्षी प्रेमियों में इस संदर्भ में उत्साह का माहौल है।

वन विभाग की तैयारियाँ

वन विभाग ने प्रवासी पक्षियों के आगमन के लिए तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। चकराता वन प्रभाग के रामपुर मंडी स्थित आसन रामसर साइट को प्रवासी पक्षियों के लिए एक प्रमुख आशियाना माना जाता है। सर्दी के मौसम की शुरुआत होते ही, ठंडे देशों जैसे साइबेरिया, रूस, मध्य और दक्षिणी यूरोप, मध्य एशिया और चीन के कुछ हिस्सों से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी यहां आने लगते हैं।

प्रवासी पक्षियों की इन रंग-बिरंगी बाहों का दीदार करने के लिए सैलानियों का आगमन भी शुरू हो जाता है। अक्टूबर से लेकर मार्च तक इस स्थल पर विदेशी मेहमानों के दीदार का सिलसिला जारी रहता है।

हाल ही में, सात अक्टूबर को सुर्खाब प्रजाति के दस पक्षियों का एक दल आसन रामसर साइट पर पहुंचा है। इसके बाद से प्रतिदिन सुर्खाब पक्षियों की संख्या बढ़ती जा रही है। पक्षी अवलोकन विशेषज्ञ प्रदीप सक्सेना के अनुसार, जल्द ही अन्य प्रजातियों के पक्षी भी यहां आने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि आसन रामसर साइट पक्षियों के प्रवास के लिए बेहद अनुकूल है।

प्राकृतिक परिस्थितियों का प्रभाव

पक्षी विशेषज्ञ डॉ. सौम्या प्रसाद और डॉ. रिद्धिमा कारवा ने बताया कि पक्षियों का प्रवास प्राकृतिक स्थितियों पर आधारित होता है। जैसे ही तापमान माइनस में चला जाता है और अत्यधिक बर्फ पड़ने लगती है, पक्षियों के लिए भोजन की कमी हो जाती है। ऐसे में, पक्षी अपने लिए उपयुक्त तापमान और भोजन की तलाश में कम तापमान वाले स्थानों की ओर चले जाते हैं।

जैसे-जैसे वातावरण अनुकूल होता है, प्रवासी पक्षियों की वापसी भी शुरू हो जाती है। इससे न केवल पक्षियों के लिए एक नया घर मिलता है, बल्कि पर्यटकों के लिए भी देखने का एक अनोखा अनुभव होता है।

बोटिंग केंद्र की तैयारी

आसन रामसर साइट की झील में इन दिनों गढ़वाल मंडल विकास निगम के बोटिंग केंद्र में पैडल बोट को सजाने-संवराने का कार्य चल रहा है। 15 अक्टूबर से यहां आने वाले पर्यटक न केवल नौकायन का आनंद ले सकेंगे, बल्कि प्रवासी पक्षियों के दीदार भी कर सकेंगे।

केंद्र के प्रभारी प्रेम कंडारी ने बताया कि बरसात का मौसम समाप्त हो चुका है, और झील में विदेशी परिंदों का आगमन भी शुरू हो गया है। पर्यटकों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक कार्य केंद्र में कराए जा रहे हैं। इसके अलावा, कुछ नई नावों को भी इस बार बेड़े में शामिल करने की योजना बनाई जा रही है, जिसके लिए कार्य किया जा रहा है।

प्रवासी पक्षियों का पर्यावरण पर प्रभाव

आसन रामसर साइट केवल प्रवासी पक्षियों का आशियाना नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्रवासी पक्षियों के आगमन से स्थानीय जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है। यह न केवल इकोलॉजिकल बैलेंस को बनाए रखता है, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बनता है।

आसन रामसर साइट की सफलता केवल प्रवासी पक्षियों की संख्या में वृद्धि पर निर्भर नहीं करती, बल्कि इसके संरक्षण और जागरूकता पर भी निर्भर करती है। वन विभाग और स्थानीय संगठनों को इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है ताकि आने वाले वर्षों में प्रवासी पक्षियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो सके।

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