Uttarakhand

UTTARAKHAND में खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस अलर्ट

उत्तराखंड में होटल, ढाबों और रेहड़ी-खोखे में खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को अलर्ट किया गया है। राज्य के डीजीपी अभिनव कुमार ने सभी पुलिस कप्तानों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि ऐसे मामलों में तत्काल मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। हाल के दिनों में इन घटनाओं से जुड़े कई वीडियो वायरल हुए हैं, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और नागरिक सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया है।

डीजीपी के निर्देशों का महत्व

डीजीपी अभिनव कुमार ने मंगलवार को स्पष्ट निर्देश दिए कि होटल, ढाबा संचालकों को अपने कर्मचारियों का सत्यापन कराना अनिवार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि रसोई में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए संचालकों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इन कदमों के जरिए अधिकारियों ने सख्त उपायों की ओर इशारा किया है ताकि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

डीजीपी ने यह भी बताया कि गश्त और पेट्रोलिंग के दौरान पुलिस को ऐसी घटनाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके अलावा, खाद्य सुरक्षा विभाग के साथ मिलकर समय-समय पर होटल और ढाबों की जांच की जाएगी।

कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी

अभिनव कुमार ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति खाद्य पदार्थों में थूकते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ पुलिस एक्ट और बीएनएस की धारा 274 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। यदि इस तरह की घटनाओं से भाषायी या सांप्रदायिक टकराव की संभावना है, तो बीएनएस 196(1) और बीएनएस 299 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

यह निर्णय इस कारण भी महत्वपूर्ण है कि हाल के दिनों में ऐसी घटनाओं के खिलाफ कई सामाजिक संगठनों ने विरोध किया है। ऐसे में पुलिस को इन मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि कानून व्यवस्था को बनाए रखा जा सके।

मसूरी का मामला: गिरफ्तारी की गई

हाल ही में मसूरी में हुई एक घटना में देहरादून पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस घटना ने इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया है और स्थानीय प्रशासन को सजग रहने के लिए प्रेरित किया है।

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “इस तरह के दुष्कृत्य के लिए उत्तराखंड में कोई स्थान नहीं है। यदि कोई ऐसा करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की घटनाओं से न केवल खाद्य पदार्थ दूषित होते हैं, अपितु भावनाएं भी आहत होती हैं। हम इस तरह के कारनामों पर कठोर कार्रवाई करेंगे।”

जागरूकता अभियान का आयोजन

डीजीपी ने निर्देशित किया है कि स्थानीय निकाय और खाद्य सुरक्षा विभाग के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। इस अभियान का उद्देश्य आम जनता को इस तरह की घटनाओं के खिलाफ जागरूक करना और खाद्य सुरक्षा के महत्व को समझाना होगा।

संभावित प्रभाव

इन निर्देशों और अभियानों का उद्देश्य न केवल खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को बनाए रखना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि नागरिकों का विश्वास खाद्य सुरक्षा में बना रहे। सामाजिक संगठनों की सक्रियता और पुलिस की तत्परता से यह उम्मीद की जा रही है कि ऐसी घटनाओं में कमी आएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button