UP : मेरठ में 9 करोड़ का ‘विधायक’ 10 करोड़ का गोलू SHOCKING ना हों ये भैंस है:पढ़िए पूरी ख़बर
मेरठ में इन दिनों एक अनोखी चर्चा चल रही है। इस चर्चा का विषय कोई इंसान नहीं, बल्कि एक भैंस है, जिसकी कीमत 9 करोड़ रुपये है। इस भैंस का नाम ‘विधायक’ है, और यह उस भैंस के साथ है, जिसका नाम ‘गोलू 2’ है, जिसकी कीमत 10 करोड़ रुपये है। दोनों भैंसें मेरठ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे किसान मेले में प्रदर्शित की गई हैं। आइए जानते हैं इन भैंसों की खासियतें और क्यों ये इतनी महंगी हैं
‘विधायक’ और ‘गोलू 2’ की कीमत सुनकर शायद आप चौंकें। लेकिन इनकी कीमत सिर्फ दिखावे की नहीं है। भैंसों का मूल्यांकन उनकी नस्ल, जीन और दूध देने की क्षमता के आधार पर किया जाता है। ‘विधायक’ 9 करोड़ रुपये का है और ‘गोलू 2’ 10 करोड़ रुपये का। इन दोनों भैंसों की देखभाल में 5 नौकर दिन-रात लगे रहते हैं, जो इनकी हर आवश्यकता का ध्यान रखते हैं।
दूध देने की क्षमता
इन भैंसों की दूध देने की क्षमता भी काफी है। विशेषज्ञों के अनुसार, ये भैंसें न केवल गुणवत्ता में बेहतर दूध देती हैं, बल्कि उनका सीमेन भी उच्च गुणवत्ता का होता है। इससे अन्य भैंसों की नस्ल सुधारने में मदद मिलती है।
सीमेन की बिक्री
इन भैंसों के मालिक हर महीने लाखों रुपये की कमाई करते हैं। कैसे? इन भैंसों का सीमेन बेचकर। सीमेन का इस्तेमाल नस्ल सुधारने के लिए किया जाता है, और इसकी मांग देशभर में है। यही कारण है कि भैंसों की इतनी भारी कीमत होने के बावजूद उनके मालिक इन्हें बेचने को तैयार नहीं हैं।
व्यवसायिक महत्व
विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही इन भैंसों की कीमत बहुत ज्यादा है, लेकिन इनके जरिए होने वाली कमाई और नस्ल सुधार में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए उनकी कीमत जायज है। इससे न केवल मालिक को लाभ होता है, बल्कि यह कृषि और पशुपालन क्षेत्र के लिए भी लाभदायक है।
भारतीय ग्रामीण जीवन में भैंसों का एक विशेष स्थान है। वे न केवल दूध देने का माध्यम हैं, बल्कि कृषि कार्यों में भी सहायक होती हैं। भैंसों की देखभाल और उनके प्रबंधन से किसान अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
भैंसों की नस्ल सुधार
भैंसों की नस्ल सुधारने की प्रक्रिया में ऐसी महंगी भैंसों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इनसे प्राप्त सीमेन का उपयोग अन्य भैंसों के प्रजनन में किया जाता है, जिससे बेहतर नस्लें उत्पन्न होती हैं।
‘विधायक’ और ‘गोलू 2’ की कीमत ने स्थानीय और राष्ट्रीय मीडिया का ध्यान आकर्षित किया है। किसान मेला में इनकी प्रदर्शनी ने लोगों को भैंसों की महत्ता और उनके आर्थिक पहलुओं के बारे में जागरूक किया है।
इन भैंसों की सफलता की कहानी अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है। इससे यह संदेश जाता है कि यदि सही तरीके से प्रबंधन किया जाए, तो पशुपालन में भी लाभ कमाया जा सकता है।