UP : बहराइच हिंसा के बाद अब सीएम योगी का चलेगा बुलडोजर
उत्तर प्रदेश के बहराइच में हाल ही में हुई हिंसा के बाद अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है। इस बीच, स्थल पर लाल क्रास के निशान के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिससे लोगों में चिंता और प्रश्न उठने लगे हैं। हालांकि, जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि ये निशान पुराने हैं और इन्हें समय-समय पर लगाया जाता है।
एसडीएम और लोक निर्माण विभाग का बयान
बहराइच के लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता प्रदीप कुमार ने कहा, “यह निशान बहुत पुराने हैं। समय-समय पर अतिक्रमण ड्राइव के तहत ये निशान लगाए जाते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि महराजगंज कस्बे में सड़क की पटरियों पर अतिक्रमण का चिन्हांकन कर निशान लगाए गए हैं। इस तरह की कार्रवाई महसी के विभिन्न कस्बों में भी चल रही है।
महसी के एसडीएम एके सिंह ने भी इस विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा, “ये निशान पिछले वर्ष के हैं और पब्लिक की शिकायत पर अतिक्रमण हटाने के दौरान लगाए गए थे। लोग रास्तों को बढ़ा लेते हैं, इसलिए ये निशान आवश्यक होते हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आरोपियों के घर गिराने की कोई योजना नहीं है।
हिंसा के बाद के हालात
बहराइच में हिंसा का यह मामला तब शुरू हुआ जब रामगोपाल नामक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद स्थिति बेकाबू हो गई, जिसके कारण एडीजी कानून व्यवस्था और एसटीएफ चीफ अमिताभ यश को बहराइच आकर स्थिति को नियंत्रित करना पड़ा। उन्होंने पीड़ित परिवार को सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
हाल ही में, बहराइच के महाराजगंज में हुए हत्याकांड के दो मुख्य आरोपियों की पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में दोनों आरोपी घायल हो गए हैं। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बताया कि एनकाउंटर के बाद सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जो कि हिंसा में शामिल थे।
अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई का माहौल
बहराइच में हिंसा के बाद अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता महसूस की जा रही है। जानकारों का मानना है कि हालात को देखते हुए, प्रशासन को अवैध निर्माण के खिलाफ कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि महराजगंज कस्बे में दुकानदारों ने टीन शेड लगाकर अतिक्रमण किया हुआ है, जिससे रास्ता संकरा हो गया है।
कार्रवाई की योजना
स्थानीय प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ एक बार फिर से कार्रवाई शुरू करने का संकेत दिया है। अधिकारियों का कहना है कि वे गाइडलाइन के अनुसार काम करेंगे और स्थिति का जायजा लेकर उचित कार्रवाई करेंगे। हालांकि, अभी तक घर गिराने के संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
अधिकारी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अतिक्रमण के मामलों को गंभीरता से लिया जाए और स्थानीय लोगों की शिकायतों का समाधान किया जाए। इस मामले में, प्रशासन को एक स्थायी समाधान खोजना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों का सामना न करना पड़े।