Uttarakhand

UTTARAKHAND :नाबालिग से दुष्कर्म का मामला,चमोली के थराली में तनाव

चमोली जिले के थराली में शुक्रवार को एक बार फिर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालात को देखते हुए व्यापार संघ ने सभी बाजारों को बंद रखने का आह्वान किया है। इस बीच, शहर के विभिन्न चौराहों पर युवकों की भीड़ भी इकट्ठा होती देखी जा रही है, जिससे स्थिति और भी संवेदनशील हो गई है। सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं।

थराली में तनाव की स्थिति की शुरुआत करीब 10 दिन पहले हुई, जब एक समुदाय विशेष के युवक द्वारा एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने और उसका वीडियो वायरल करने का मामला सामने आया था। इस घटना के बाद, पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन घटना के बाद से स्थानीय लोग बेहद नाराज हैं। 10 अक्टूबर को, नाराज लोगों ने प्रदर्शन करते हुए आरोपी युवक की दुकान को खाली करने की मांग की थी। अब एक सप्ताह बीतने के बाद, शुक्रवार को फिर से तनाव उत्पन्न हो गया है, जिससे स्थानीय प्रशासन की चिंताएँ बढ़ गई हैं।

गौचर में स्थिति सामान्य, लेकिन तनाव बना हुआ है

उधर, गौचर में स्थिति सामान्य है। बाजार खुले हुए हैं, लेकिन समुदाय विशेष की दुकानें लगातार तीसरे दिन भी बंद हैं। यह स्थिति तब बनी जब बीते मंगलवार को दो व्यापारियों के बीच मारपीट की घटना ने संप्रदायिक रंग ले लिया था। इसके बाद बाजार में तोड़फोड़ और तनाव उत्पन्न हुआ, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

पुलिस ने इस मामले में चार युवकों को गिरफ्तार किया, जिन्हें बाद में कोर्ट से जमानत मिल गई। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए धारा 163 लगाई, जिससे बाजार सामान्य रूप से खुल गए।

इस बीच, कर्णप्रयाग में नगर पालिका द्वारा सत्यापन को लेकर एक अभियान चलाया गया है। इस अभियान का उद्देश्य स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। प्रशासन का मानना है कि सही जानकारी और सत्यापन से ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा।

तनाव के कारण

इस स्थिति के पीछे कई सामाजिक और आर्थिक कारण हैं। पहले की घटनाओं ने स्थानीय समुदायों के बीच mistrust और भय को जन्म दिया है, जिससे स्थानीय लोग और व्यापारियों में असुरक्षा का भाव बढ़ गया है।

व्यापार संघों का बाजार बंद करने का निर्णय, इस बात का संकेत है कि वे स्थानीय स्थिति को लेकर कितने चिंतित हैं। बाजार बंद रहने से व्यापारियों को आर्थिक नुकसान होगा, लेकिन उनकी प्राथमिकता स्थानीय सुरक्षा और शांति बनाए रखना है।

स्थानीय प्रशासन का कार्य इस तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रित करना है। पुलिस और पीएसी की तैनाती इस बात का संकेत है कि प्रशासन स्थिति को लेकर गंभीर है। लेकिन प्रश्न यह है कि क्या यह सुरक्षा उपाय तनाव को समाप्त करने में सक्षम होंगे?

प्रशासन को चाहिए कि वह स्थानीय लोगों के साथ संवाद स्थापित करे और उनकी चिंताओं को सुनकर समाधान निकाले। इससे न केवल स्थिति को सामान्य किया जा सकता है, बल्कि स्थानीय लोगों का विश्वास भी बहाल किया जा सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button