DEHRADUN : अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ अमेरिका और कनाडा से ठगी के आरोप
पुलिस ने अमेरिका और कनाडा के नागरिकों से ठगी करने वाले एक अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। इस ऑपरेशन में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 47 कर्मचारियों को नोटिस दिए गए हैं। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने मौके से 48 मॉनिटर, सीपीयू और अन्य उपकरण बरामद किए हैं। आरोपी मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बुक करने के नाम पर ठगी कर रहे थे, जिससे लाखों डॉलर का लेनदेन हुआ है
पुलिस ने बताया कि कॉल सेंटर का संचालन दिल्ली निवासी एक व्यक्ति द्वारा किया जा रहा था, जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। एसपी सिटी प्रमोद कुमार ने इस मामले की विस्तृत जानकारी साझा की और बताया कि कैनाल रोड पर स्थित बचत स्टोर बिल्डिंग के तृतीय तल पर अवैध कॉल सेंटर संचालित हो रहा था।
ऑपरेशन की योजना
पुलिस को सूचना मिली थी कि इस कॉल सेंटर से विदेशी नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट बुक करने के नाम पर ठगा जा रहा है। इस पर एसएसपी अजय सिंह ने एसओ राजपुर पीडी भट्ट के नेतृत्व में तीन टीमों का गठन किया। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो उन्हें पीसीएम वर्ल्डवाइड फ्लाइट लिमिटेड नामक कंपनी के तहत संचालित कॉल सेंटर मिला।
कॉल सेंटर में 65 केबिन बनाए गए थे, जहां युवक और युवतियां विदेशी ग्राहकों को कॉल करके उनके डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जानकारी हासिल कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए लोगों में विकास उर्फ फिलिप, मोहम्मद मोनिश उर्फ जॉन और मन्नू यादव उर्फ रॉब शामिल हैं। इनसे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है।
मुख्य आरोपी की पहचान
मुख्य आरोपी विकास उर्फ फिलिप ने बताया कि वह कॉल सेंटर का मैनेजर है और वह कॉल सेंटर से अमेरिका और कनाडा के नागरिकों को कॉल करता था। आरोपी लोग खुद को पीसीएम वर्ल्डवाइड फ्लाइट लिमिटेड का अधिकारी बताते थे। अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट बुकिंग के नाम पर वे ग्राहकों से क्रेडिट, डेबिट और वीजा कार्ड की जानकारी लेते थे।
आरोपियों ने बताया कि वे कुछ फ्लाइट्स की बुकिंग करते थे, लेकिन अधिकांश मामलों में केवल पैसे लेकर ग्राहकों को ठगते थे। इस तरह से उन्होंने लाखों रुपये की धोखाधड़ी की।
तकनीकी कौशल का इस्तेमाल
आरोपी शातिर किस्म के ठग हैं, जो अपनी पहचान छिपाने के लिए अंग्रेजी नामों का उपयोग करते हैं। इसके अलावा, वे अपने आईपी एड्रेस को भी बदलते रहते हैं, ताकि उनकी पहचान न हो सके। उनके कंप्यूटर में लेनदेन डॉलर के माध्यम से होता है, और वे कॉल सिस्टम सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं।
पुलिस ने आरोपियों से पीसीएस वर्ल्ड वाइड फ्लाइट लिमिटेड के रजिस्ट्रेशन के कागजात मांगे, लेकिन वे कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। गूगल में सर्च करने पर पता चला कि कंपनी को बंद कर दिया गया था, जिससे पुलिस को ठगी की सच्चाई का पता चला।
न्यायिक कार्रवाई
गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस अब मुख्य आरोपी के बारे में जानकारी जुटा रही है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।
भविष्य की योजनाएं
इस प्रकार की ठगी के मामलों को रोकने के लिए पुलिस ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि ऐसे अवैध कॉल सेंटरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस मामले में न केवल पुलिस, बल्कि अन्य एजेंसियों को भी शामिल किया जाएगा ताकि ठगों के खिलाफ ठोस कदम उठाए जा सकें।
पुलिस ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे किसी भी प्रकार की अनजान कॉल का जवाब देते समय सावधानी बरतें। ठगों द्वारा की जा रही धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हो रही है, और लोगों को अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचना चाहिए।