UTTARAKHAND : गढ़वाल में मिनी स्टेडियम और जिम्नेजियम के निर्माण की पहल , केंद्रीय मंत्री ने दी सहमति
गढ़वाल लोकसभा सांसद अनिल बलूनी ने शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री मनसुख मंडविया ने गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में तीन स्थानों पर मिनी स्टेडियम बनाने के लिए अपनी सहमति दे दी है। इसके साथ ही, सांसद बलूनी ने यह भी जानकारी दी कि क्षेत्र के कॉलेजों में केंद्र सरकार की सहायता से जिम्नेजियम खोले जाएंगे।
बैठक में उठाए गए मुद्दे
सांसद बलूनी ने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडविया से उनके कार्यालय में मुलाकात की, जहां उन्होंने गढ़वाल क्षेत्र में मिनी स्टेडियम के निर्माण का प्रस्ताव पेश किया। बलूनी ने कहा, “गढ़वाल के युवा खेलों में काफी रुचि रखते हैं, लेकिन खेलों की उचित व्यवस्था, वातावरण और इन्फ्रास्ट्रक्चर का अभाव है।”
मिनी स्टेडियम का महत्व
बलूनी ने बताया कि गढ़वाल में खेलों को बढ़ावा देने के लिए यह आवश्यक है कि युवाओं को सही सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कहा, “मिनी स्टेडियम के निर्माण से न केवल युवाओं को खेलने का बेहतर अवसर मिलेगा, बल्कि यह उन्हें अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मंच भी प्रदान करेगा।”
जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
सांसद ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने तीन मिनी स्टेडियम बनाने को लेकर सैद्धांतिक मंजूरी दी है, और इस पर जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद है। यह परियोजना न केवल खेल के प्रति युवाओं की रुचि को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगी।
जिम्नेजियम का निर्माण
इसके साथ ही, बलूनी ने कहा कि गढ़वाल क्षेत्र में आने वाले विभिन्न कॉलेजों में जिम्नेजियम खोलने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह पहल युवा छात्रों को स्वास्थ्य और फिटनेस के प्रति जागरूक करने में मदद करेगी।
केंद्रीय मंत्री का आभार
सांसद बलूनी ने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडविया का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह कदम गढ़वाल के युवा खिलाड़ियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आएगा। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि यह पहल हमारे युवाओं को खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगी।”
खेलों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता
बलूनी ने जोर देकर कहा कि गढ़वाल क्षेत्र में खेलों का उचित इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं होने के कारण कई युवा अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि हम खेलों के लिए उचित व्यवस्था करें, ताकि हमारे युवा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें और उच्च स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग ले सकें।”
खेलों का सामाजिक महत्व
सांसद बलूनी ने कहा कि खेल केवल एक शारीरिक गतिविधि नहीं हैं, बल्कि यह युवाओं के सामाजिक और मानसिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खेलों से न केवल स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि यह टीम वर्क, नेतृत्व और अनुशासन जैसी महत्वपूर्ण जीवन कौशल भी सिखाते हैं।
स्थानीय विकास और रोजगार के अवसर
मिनी स्टेडियम और जिम्नेजियम के निर्माण से न केवल युवा खिलाड़ियों को लाभ होगा, बल्कि इससे स्थानीय स्तर पर भी विकास होगा। बलूनी ने कहा, “इस पहल से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे, जिससे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।”