DEHRADUN पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिक को किया गिरफ्तार
देहरादून पुलिस ने एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है, जो पिछले कुछ वर्षों से भारत के विभिन्न हिस्सों में अवैध रूप से निवास कर रहा था। यह गिरफ्तारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) देहरादून की सटीक जानकारी और निर्देशों पर की गई है। गिरफ्तार व्यक्ति, संतो विश्वास, उम्र 28 वर्ष, मूल रूप से बांग्लादेश के खुलना विभाग के जसौर जिले का निवासी है।गिरफ्तारी का मामला तब सामने आया जब पुलिस ने 18 अक्टूबर की रात प्रेमनगर थाना क्षेत्र में गश्त के दौरान संदिग्ध गतिविधियों के कारण एक व्यक्ति को रोका। पुलिस ने पूछताछ के दौरान पाया कि संदिग्ध व्यक्ति के पास कोई भी वैध पहचान पत्र नहीं था, जिससे उसकी गतिविधियां संदेहास्पद प्रतीत होने लगीं। गहन पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपनी पहचान संतो विश्वास के रूप में बताई और यह भी स्वीकार किया कि उसके पास भारत में रहने के लिए कोई वैध दस्तावेज, जैसे पासपोर्ट या वीजा नहीं है। पुलिस ने इसके आधार पर उसे गिरफ्तार किया और विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
इस गिरफ्तारी ने पुलिस विभाग की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने के साथ-साथ देश में अवैध आव्रजन की समस्या को भी उजागर किया है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की गिरफ्तारियां अवैध प्रवासियों पर अंकुश लगाने में मदद कर सकती हैं।
पुलिस की सक्रियता और जागरूकता
SSP देहरादून ने सभी थाना क्षेत्रों को बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन के आदेश दिए हैं। इसके तहत पुलिस ने चेकिंग और सत्यापन अभियान तेज कर दिया है। यह कदम सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जिससे संदिग्ध तत्वों पर नजर रखी जा सके।
गश्त के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करने के लिए पुलिस लगातार सतर्क है। ऐसे अभियान के दौरान, प्रेमनगर थाना क्षेत्र में संतो विश्वास की गिरफ्तारी को पुलिस की सक्रियता का परिणाम माना जा रहा है।
पूछताछ में संतो विश्वास ने यह भी बताया कि वह भारत में दिल्ली, हल्द्वानी और उत्तरकाशी में भी अवैध रूप से रह चुका है। इससे यह साफ होता है कि यह व्यक्ति विभिन्न स्थानों पर अवैध गतिविधियों में संलग्न था। पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है, ताकि अन्य संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की जा सके।
स्थानीय समुदाय की भूमिका
स्थानीय समुदाय की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है। पुलिस ने निवासियों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत दें। सामुदायिक सहयोग से ही इस तरह की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। नागरिकों को सुरक्षा के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है, ताकि अवैध गतिविधियों को रोका जा सके।
यह मामला सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि यह स्थानीय निवासियों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता को बढ़ाने का एक अवसर भी है। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान के तहत नागरिकों को अपने आसपास के लोगों के बारे में जानकारी रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।