Punjab

PUNJAB में विधानसभा उपचुनाव, आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवारों का किया ऐलान

पंजाब में चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियाँ तेज हो गई हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने डेरा बाबा नानक से गुरप्रीत सिंह रंधावा, चब्बेवाल से इशान चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा से हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों, और बरनाला से हरिंदर सिंह धालीवाल को मैदान में उतारा है।

इन उपचुनावों के लिए वोटिंग 13 नवंबर को होगी और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। यह उपचुनाव उन सीटों पर हो रहे हैं जो हाल ही में खाली हुई हैं, क्योंकि उनके पूर्व विधायक लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए थे। राजनीतिक इतिहास

पंजाब की जिन चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें से तीन सीटें पहले कांग्रेस पार्टी के पास थीं, जबकि एक सीट आम आदमी पार्टी के पास थी।

कांग्रेस के पूर्व विधायक

  1. गिद्दड़बाहा: अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, जो अब लुधियाना लोकसभा सीट के सांसद हैं।
  2. बरनाला: गुरमीत सिंह मीत हेयर, जो संगरूर से सांसद बने हैं।
  3. चब्बेवाल: राजकुमार चब्बेवाल, जो अब होशियारपुर के सांसद हैं।
  4. डेरा बाबा नानक: सुखजिंदर सिंह रंधावा, अब गुरदासपुर के सांसद बन गए हैं।

इस प्रकार, ये उपचुनाव राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकते हैं, क्योंकि इन सीटों पर हालिया चुनावों के परिणामों का गहरा प्रभाव पड़ सकता है।

मतदाता विवरण और मतदान केंद्र

इन चार विधानसभा सीटों पर कुल 6,96,316 मतदाता हैं, जो 831 मतदान केंद्रों पर वोट डालने के लिए सक्षम होंगे।

  • डेरा बाबा नानक: 241 मतदान केंद्र, 1,93,268 मतदाता
  • चब्बेवाल: 205 मतदान केंद्र, 1,59,254 मतदाता
  • गिद्दड़बाहा: 173 मतदान केंद्र, 1,66,489 मतदाता
  • बरनाला: 212 मतदान केंद्र, 1,77,305 मतदाता

इस बार मतदाता संख्या में वृद्धि देखी गई है, जो यह दर्शाती है कि राजनीतिक दलों को मतदाताओं के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे।

राजनीतिक दलों की तैयारी

चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर अपनी ताकत बढ़ाने का प्रयास किया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी दल भी अपने उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं।

आम आदमी पार्टी की रणनीति

आम आदमी पार्टी ने इन उपचुनावों को अपने लिए एक अवसर मानते हुए उम्मीदवारों का चयन किया है। पार्टी की कोशिश है कि वह इन चार सीटों पर जीत दर्ज कर अपने प्रभाव को बढ़ाए। इसके लिए पार्टी विभिन्न कार्यक्रमों और रैलियों के माध्यम से मतदाताओं से जुड़ने की योजना बना रही है।

कांग्रेस की चुनौती

कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव अपने खोए हुए जनाधार को फिर से हासिल करने का एक अवसर है। पूर्व विधायकों की लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए, पार्टी ने नए रणनीतियों के साथ अपने उम्मीदवारों का समर्थन करने की योजना बनाई है।

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