दिवाली के 15 दिनों तक UTTARAKHAND की वादियों की हवा और ध्वनि की होगी जांच
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने राज्य में ध्वनि और वायु प्रदूषण की गुणवत्ता की जांच के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देशित करते हुए एक पत्र जारी किया है, जिसमें दिवाली के अवसर पर विशेष जांच की योजना बनाई गई है। यह अभियान 24 अक्टूबर से शुरू होकर 7 नवंबर तक चलेगा, जिसमें 15 दिनों तक वायु और ध्वनि की गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी।
जांच का दायरा और लक्ष्य
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि इस बार की जांच में नैनीताल जिले के हल्द्वानी और नैनीताल के अलावा देहरादून, ऋषिकेश, रुड़की, हरिद्वार, काशीपुर, रुद्रपुर, और टिहरी जैसे प्रमुख स्थानों को शामिल किया गया है। पीसीबी का लक्ष्य है कि इस विशेष जांच के माध्यम से दिवाली के दौरान बढ़ने वाले प्रदूषण स्तर को नियंत्रित किया जा सके और नागरिकों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके।
प्रदूषण की स्थिति
प्रदूषण का स्तर खासकर त्योहारों के दौरान बढ़ जाता है। विशेष रूप से दिवाली जैसे अवसर पर पटाखों के जलने के कारण वायु गुणवत्ता में कमी आती है। पिछले कुछ वर्षों में, कई शहरों में प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ी हैं। इस दृष्टिकोण से, पीसीबी का यह कदम एक आवश्यक उपाय के रूप में देखा जा रहा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भूमिका
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी निर्देशों के तहत, सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को प्रदूषण की निगरानी के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। यह कार्यालय राज्य में प्रदूषण के स्तर की नियमित जांच और रिपोर्टिंग का कार्य करते हैं। जांच के बाद, सभी रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजी जाएंगी, जिससे व्यापक स्तर पर आंकड़ों का विश्लेषण किया जा सके।
चार क्षेत्रीय कार्यालयों की भूमिका
पीसीबी के राज्य मुख्यालय के अलावा, देहरादून, रुड़की, हल्द्वानी और काशीपुर में चार क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित हैं। ये कार्यालय प्रदूषण की निगरानी के साथ-साथ अन्य पर्यावरण संबंधी कार्यों में भी संलग्न रहते हैं। इन कार्यालयों की टीमों को विशेष रूप से दिवाली के दौरान प्रदूषण के स्तर को जांचने और नागरिकों को जागरूक करने के लिए निर्देशित किया गया है।
नागरिकों की जागरूकता
इस अभियान का एक महत्वपूर्ण पहलू है नागरिकों को जागरूक करना। पीसीबी द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों और प्रचार माध्यमों का उपयोग करते हुए, लोगों को प्रदूषण के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इससे नागरिक खुद से भी सतर्क होंगे और दिवाली के अवसर पर पटाखों के कम उपयोग की ओर प्रेरित होंगे।
भविष्य की योजना
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का यह कदम केवल दिवाली तक सीमित नहीं है। इस तरह की जांचों को नियमित अंतराल पर जारी रखा जाएगा, ताकि पूरे वर्षभर वायु और ध्वनि प्रदूषण की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।