UTTARAKHAND में साइबर ठगों का तांडव, लोगों से हो रही भारी रकम की चोरी,हर दिन 46 लाख रुपये की ठगी
साइबर अपराध के बढ़ते मामलों ने प्रदेशवासियों को एक बार फिर सतर्क कर दिया है। आंकड़ों के अनुसार, साइबर ठग हर दिन प्रदेश की जनता से लगभग 46 लाख रुपये ठग रहे हैं। यह आंकड़ा इस साल अब तक साइबर वित्तीय हेल्पलाइन पर आई शिकायतों के आधार पर है, जो इस बढ़ते खतरे का स्पष्ट संकेत है।
साइबर वित्तीय हेल्पलाइन का योगदान
साइबर वित्तीय हेल्पलाइन 1930 की शुरुआत तीन साल पहले हुई थी, और तब से अब तक 19,005 लोगों ने इस पर शिकायत की है। हेल्पलाइन के जरिए कई लोग अपनी गाढ़ी कमाई का कुछ हिस्सा बचाने में सफल रहे हैं। इस वर्ष, कुल 290 दिनों में प्रदेश के लोगों ने लगभग 133 करोड़ रुपये साइबर ठगों को दे दिए हैं, जो कि एक चिंताजनक स्थिति है। यह राशि प्रदेश में चोरी, लूट और डकैती से कहीं अधिक है।
दैनिक औसत ठगी के आंकड़े
हर दिन करीब 65 लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं, जो हर घंटे लगभग 2 लाख रुपये की ठगी का परिणाम है। इस तरह, साइबर अपराधियों की सक्रियता प्रदेश की जनता के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है।
साइबर थाना पुलिस की कार्रवाई और बचत
इस दौरान साइबर थाना पुलिस ने भी लोगों की रकम बचाने के लिए प्रयास किए हैं। जिन लोगों ने समय पर शिकायत की, उनकी गाढ़ी कमाई ठगों के पास जाने से बच गई है। अब तक हेल्पलाइन के माध्यम से कुल 24 करोड़ रुपये बचाए गए हैं। जिलों की साइबर सेल से भी कई लोगों की रकम सुरक्षित की गई है।
ठगी की नई रणनीतियाँ
साइबर ठगों ने पिछले 10 वर्षों में अपनी रणनीतियों में कई बदलाव किए हैं। जब किसी मामले में जागरूकता बढ़ती है, तो ठग अपने तरीकों को तुरंत बदल देते हैं। वर्तमान में, डिजिटल गिरफ्तारी और निवेश संबंधी धोखाधड़ी सबसे बड़े हिस्से में शामिल हैं।
डिजिटल गिरफ्तारी के मामलों का बढ़ता ग्राफ
डिजिटल गिरफ्तारी की घटनाओं में एक व्यक्ति ने 7 करोड़ रुपये तक गंवाए हैं। प्रदेश के साइबर थानों में ऐसी 50 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं। देहरादून के साइबर थाने में 10 लाख रुपये से अधिक ठगी के 76 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जो मुख्य रूप से निवेश और डिजिटल गिरफ्तारी से संबंधित हैं।
देश में साइबर अपराध का विस्तार
अगर पूरे देश की बात करें, तो साइबर ठगी का आंकड़ा हर दिन 100 करोड़ रुपये से अधिक है। इसका मतलब है कि हर साल लगभग 36 से 40 हजार करोड़ रुपये साइबर अपराधी लोगों से ठग रहे हैं। इनमें से 90 फीसदी से अधिक रकम चीन के साइबर ठगों को भेजी जाती है, जो हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डालता है।
जागरूकता अभियान की आवश्यकता
लोग साइबर ठगों के जाल में डर और लालच के कारण फंसते हैं। इसलिए, जागरूकता का स्तर बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। एसटीएफ और साइबर थाने की ओर से लगातार जनजागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, और साइबर वित्तीय हेल्पलाइन 1930 का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
अपराध की विवेचना
अपराध की विवेचना के लिए भी बेहतर कार्य किए जा रहे हैं। हर साल कई बड़े साइबर अपराधियों को एसटीएफ और साइबर थाना पुलिस पकड़ती है। नवनीत सिंह भुल्लर, एसएसपी, एसटीएफ ने कहा, “हम लगातार साइबर अपराधियों पर नकेल कसने का प्रयास कर रहे हैं और लोगों को जागरूक करने में जुटे हैं।”