PUNJAB : पराली जलाने वालों पर लगाया 13.25 लाख रुपये का जुर्माना
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने बृहस्पतिवार को पराली जलाने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। पीपीसीबी ने बताया कि 15 सितंबर से 23 अक्टूबर के बीच राज्य में पराली जलाने से संबंधित 1,254 प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई हैं, और इस अवधि में 13.25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। ये आंकड़े प्रदूषण नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की गंभीरता को दर्शाते हैं।
प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में निरंतर प्रयास
पीपीसीबी के सदस्य सचिव, गुरिंदर सिंह मजीठिया ने इस संबंध में बताया कि राज्य सरकार लगातार पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी कर रही है और इससे निपटने के लिए अपने प्रवर्तन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा, “पंजाब राज्य कानून का पालन करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।”
एनजीटी ने पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बढ़ते वायु प्रदूषण पर स्वतः संज्ञान लिया था। एनजीटी ने पीपीसीबी से कहा था कि वे जमीनी स्तर पर की गई प्रभावी कार्रवाई की नियमित अपडेट प्रदान करें।
कार्रवाई का विवरण
पीपीसीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 15 सितंबर से 23 अक्टूबर के बीच पराली जलाने में शामिल लोगों के खिलाफ 1,254 एफआईआर दर्ज की गईं। इसके अलावा, खसरा गिरदावरी में 496 लाल प्रविष्टियां की गईं, जो भूमि और फसलों के कानूनी दस्तावेज होते हैं।
आर्थिक दंड का प्रवर्तन
पराली जलाने के मामलों में पर्यावरण मुआवजे के तहत 13.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिसमें से 11.67 लाख रुपये वसूल किए गए हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि इस अवधि में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। 2023 में 1,946 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि 2022 में यह संख्या 4,598 थी।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन के दिशा-निर्देश
गुरिंदर सिंह मजीठिया ने बताया कि पंजाब सरकार एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम 2021 (सीएक्यूएम) के दिशा-निर्देशों का पालन कर रही है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वायु गुणवत्ता में सुधार हो, संबंधित सरकारी एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकारी उपाय
सरकार ने इस समस्या को सुलझाने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। इनमें किसानों को पराली जलाने के विकल्प देने, जागरूकता कार्यक्रम चलाने, और वैज्ञानिक तरीकों से पराली प्रबंधन की तकनीकें विकसित करने की दिशा में प्रयास शामिल हैं।
वायु प्रदूषण का बढ़ता खतरा
वर्तमान में, वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है, खासकर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में। इस क्षेत्र में धुंध और प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के चलते लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। इसलिए, पंजाब सरकार का यह प्रयास महत्वपूर्ण है और इसे लगातार जारी रखा जाना चाहिए।