उत्तरकाशी में पथराव और लाठीचार्ज के बाद व्यापारियों की एकजुटता
उत्तरकाशी में हाल ही में हुई पथराव और लाठीचार्ज की घटनाओं के बाद आज, शनिवार को तीसरे दिन बाजार खुले। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल की जिला इकाई के अध्यक्ष सुभाष बडोनी ने गंगा यमुना घाटी के व्यापारियों की एकजुटता के लिए उनकी सराहना की है। उन्होंने दिवाली के त्योहार के दृष्टिगत सभी व्यापारियों से अपने प्रतिष्ठान खोलने की अपील की है, यह सुनिश्चित करते हुए कि साप्ताहिक बंदी के दौरान भी व्यापारिक गतिविधियाँ जारी रहें।
मस्जिद विवाद की पृष्ठभूमि
यह विवाद एक समुदाय के धार्मिक संगठन द्वारा मस्जिद को अवैध बताने के साथ शुरू हुआ। विवाद का आरंभ दो महीने पहले हुआ था, जब उक्त संगठन ने 1969 में स्थापित मस्जिद के निर्माण को चुनौती दी। यह मस्जिद वरुणावत पर्वत की तलहटी में बाड़ाहाट क्षेत्र में स्थित है, जहाँ 4 नाली और 15 मुठ्ठी भूमि एक समुदाय के व्यक्ति ने दूसरे समुदाय के सात लोगों को बेची थी। हालांकि, वर्ष 2005 में इस मस्जिद की जमीन का दाखिला खारिज किया गया था।
जनाक्रोश रैली और उसके परिणाम
गत 6 सितंबर को इस धार्मिक संगठन ने शहर में अवैध मीट की दुकानों के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें मस्जिद के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। इस दिन ही मस्जिद के खिलाफ अक्टूबर में जनाक्रोश रैली का आयोजन करने की योजना बनाई गई। इससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
जिला प्रशासन की भूमिका
इस बीच, एक अन्य समुदाय ने मस्जिद के संबंध में भूमि से जुड़े दस्तावेज जिला प्रशासन को सौंपे, जिससे कुछ समय के लिए विवाद शांत हो गया था। लेकिन जैसे-जैसे रैली का समय निकट आया, स्थिति फिर से बिगड़ने लगी। 21 अक्टूबर को, जिला प्रशासन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्थिति स्पष्ट की, जिसमें बताया गया कि मस्जिद सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बनी हुई है। प्रशासन ने इस मामले में जानकारी की कमी के लिए माफी भी मांगी।
व्यापारी समुदाय की प्रतिक्रिया
सुभाष बडोनी ने व्यापारियों की एकजुटता की सराहना करते हुए कहा, “हम सभी एकजुट हैं और हमारे व्यापारिक हित एक हैं। हम सभी इस मुश्किल समय में एक-दूसरे का सहारा बनेंगे।” उन्होंने दिवाली के त्योहार की तैयारी के मद्देनजर सभी व्यापारियों से अपील की कि वे अपने प्रतिष्ठान खोलें और इस दौरान शांति बनाए रखें।
सामाजिक सद्भावना की आवश्यकता
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से यह दिखाया है कि समाज में सद्भावना बनाए रखना कितना आवश्यक है। उत्तरकाशी में इस समय तनाव और असहमति का माहौल है, लेकिन व्यापारियों की एकजुटता और स्थानीय प्रशासन की सक्रियता इस स्थिति को सामान्य करने में मदद कर सकती है।