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PUNJAB : NIA की बड़ी सफलता खालिस्तानी आतंकवादी बलजीत सिंह गिरफ्तार

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है, जब उसने खालिस्तानी आतंकवादी बलजीत सिंह को गिरफ्तार किया। बलजीत सिंह दुबई से दिल्ली आ रहा था, और जैसे ही वह दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा, एनआईए की टीम ने उसे पकड़ लिया। यह गिरफ्तारी सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, क्योंकि बलजीत सिंह कई आतंकवादी मामलों में वांटेड था

बलजीत सिंह गैंगस्टर अर्श डल्ला का करीबी सहयोगी है और इसके कई आपराधिक मामलों में गहरा संबंध है। उसे आतंकवादी गतिविधियों और संगठित अपराधों में संलिप्त होने के लिए पहले से ही वांटेड घोषित किया जा चुका था। फरवरी 2024 में उसके खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया गया था, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि सुरक्षा एजेंसियों को उसकी गतिविधियों के बारे में पहले से जानकारी थी।

गिरफ्तारी के पीछे की कहानी

एनआईए के सूत्रों के अनुसार, बलजीत सिंह की गिरफ्तारी एक सुनियोजित ऑपरेशन का परिणाम है। वह दिल्ली लौटते समय अपने ठिकाने पर सुरक्षा बलों की निगरानी में था। एनआईए ने इस गिरफ्तारी के लिए पूरी योजना बनाई थी, ताकि वह किसी भी तरह से बच न सके।

बलजीत सिंह का संबंध गैंगस्टर अर्श डल्ला के साथ गहरा है। रिपोर्टों के अनुसार, बलजीत ने भारत में डल्ला के अन्य सहयोगियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने का कार्य किया। इसके अलावा, वह भारत में उन टारगेट की पहचान भी करता था, जिनसे वसूली की जा सके। यह सभी गतिविधियां खालिस्तानी आतंकवादी संगठन के लिए महत्वपूर्ण थीं, जो भारत में अस्थिरता पैदा करने के प्रयास में हैं।

एनआईए का दावा है कि बलजीत सिंह भारत में अर्श डल्ला के नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण सदस्य था। वह न केवल आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त था, बल्कि नए कैडरों की भर्ती और आतंकवादी कार्यों के लिए धन मुहैया कराने का काम भी करता था। एनआईए ने उसकी गतिविधियों पर नजर रखी थी और गिरफ्तारी के लिए एक उचित समय का इंतजार किया।

अन्य मामलों में संलिप्तता

बलजीत सिंह के खिलाफ कई अन्य आपराधिक मामले भी दर्ज हैं, जिनमें हत्या, वसूली, और आतंकवाद से संबंधित मामलों की सूची शामिल है। जून 2024 में, उसके खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा एजेंसियों ने उसे पकड़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी।

देश में खालिस्तानी आतंकवाद का बढ़ता खतरा

भारत में खालिस्तानी आतंकवाद एक गंभीर समस्या बन चुका है। कई आतंकी संगठन जैसे कि खालिस्तानी टाइगर फोर्स (केटीएफ) और सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) सक्रिय हैं, जो देश की सुरक्षा को चुनौती दे रहे हैं। बलजीत सिंह जैसी गिरफ्तारियां इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जो आतंकवादियों के नेटवर्क को तोड़ने में मदद कर सकती हैं।

एनआईए की भूमिका ऐसे समय में महत्वपूर्ण हो जाती है, जब देश में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई तेज हो रही है। एजेंसी की यह गिरफ्तारी न केवल बलजीत सिंह जैसे आतंकवादियों को रोकने में सहायक होगी, बल्कि यह अन्य संभावित आतंकवादियों के लिए भी एक चेतावनी है।

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